Edited By Ramanjot, Updated: 24 Aug, 2021 10:28 AM
डॉ. अजय आलोक ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि न्याय के साथ विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सिर्फ जातिगत जनगणना कराना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए जातिगत जनगणना के साथ आर्थिक आधार पर भी जनगणना कराना जरूरी है। उन्होंने कहा, ''क्या आरक्षण का लाभ उन...
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में दस राजनीतिक दलों के नेता एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता डॉ. अजय आलोक का साफ कहना है कि न्याय के साथ विकास के लक्ष्य के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
डॉ. अजय आलोक ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि न्याय के साथ विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सिर्फ जातिगत जनगणना कराना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए जातिगत जनगणना के साथ आर्थिक आधार पर भी जनगणना कराना जरूरी है। उन्होंने कहा, 'क्या आरक्षण का लाभ उन लोगों को मिलना चाहिए जो जाति के नाम पर पिछड़ी या अनुसूचित हैं लेकिन आर्थिक द्दष्टि से मॉल, जमीनों के मालिक हैं, लखपति करोड़पति हैं। जातीय जनगणना अनिवार्यता हो लेकिन आर्थिक आधार के साथ तभी न्याय के साथ विकास और विश्वास होगा।'
जदयू नेता ने कहा कि आरक्षित सीटों पर लोकसभा और विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में भी आर्थिक आधार होना चाहिए तभी असली गरीबों की आवाज सदन में गूंजेगी अन्यथा एक ही नेता की अगली पौध को मौका मिलता रहेगा और अन्य छूट जाएंगे। उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी टैग किया है।