Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jun, 2021 09:25 PM
भाजपा सांसद ने कहा कि यदि आंकड़ा छिपाने का विपक्ष का आरोप सही होता, तो सरकार न सही आंकडे जुटाने वाली टीम गठित करती, न उसका अपडेट जारी करने का साहस करती। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार कोरोना मृत्यु से विपदाग्रस्त एक-एक परिवार को खोज कर सबको मुआवजा...
पटनाः बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने आज कहा कि राज्य में कोरोना से मरने वालों का संशोधित आंकड़ा किसी जांच एजेंसी ने नहीं, बल्कि स्वयं स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर साफ किया कि उसकी मंशा हर मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपए का मुआवजा और अन्य सहायता दिलवाने की है।
सुशील मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कोरोना मृतकों के संशोधित आंकड़े जारी किए जाने पर विपक्ष की ओर से हो रहे हमलों का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना के कारण दूरदराज के इलाकों से लेकर निजी अस्पताल और अस्पताल के रास्ते तक में मौतें हुईं, जिनके आंकड़े समय पर नहीं पहुंच पाए थे। उन्होंने कहा कि कोरोना से मरने वालों का संशोधित आंकड़ा किसी जांच एजेंसी ने नहीं, बल्कि स्वयं स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर साफ किया कि उसकी मंशा हर मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपए का मुआवजा और अन्य सहायता दिलवाने की है।
भाजपा सांसद ने कहा कि यदि आंकड़ा छिपाने का विपक्ष का आरोप सही होता, तो सरकार न सही आंकडे जुटाने वाली टीम गठित करती, न उसका अपडेट जारी करने का साहस करती। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार कोरोना मृत्यु से विपदाग्रस्त एक-एक परिवार को खोज कर सबको मुआवजा दिलाने के काम में लगी है। मोदी ने कहा कि महामारी से मौत के पूरे आंकड़े विभिन्न स्रोतों से मिलने पर मुआवजा पाने के पात्र परिवारों की संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रुप से पिछड़ा होने के बावजूद बिहार पहला राज्य है, जिसने कोरोना से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा देने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस महामारी की हर चुनौती का सामना करने के लिए कैबिनेट ने 300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। भाजपा सांसद ने कहा कि दुर्भाग्यवश, जो लोग भारतीय वैक्सीन पर भ्रम फैलाने में लगे थे, वे अब सरकार की नीयत पर अविश्वास पैदा करने की साजिश कर रहे हैं।