Edited By Ramanjot, Updated: 20 Jul, 2021 10:53 AM
सुशील मोदी ने सोमवार को सोशल नेटवकिर्ंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि जो ताकतें स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर संदेह पैदा करने की मुहिम चलाती हैं और संक्रमण से मृत्यु के आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर बताने के साथ-साथ विदेशी अखबारों में जलती चिताओं की पुरानी...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने पेगासस फोन टैपिंग के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश है।
सुशील मोदी ने सोमवार को सोशल नेटवकिर्ंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि जो ताकतें स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर संदेह पैदा करने की मुहिम चलाती हैं और संक्रमण से मृत्यु के आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर बताने के साथ-साथ विदेशी अखबारों में जलती चिताओं की पुरानी तस्वीरें छपवाती हैं, उन्हीं तत्वों ने भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए फोन टैपिंग का मनगढंत मामला उछाला है। उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकों की निजता पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए बिना कड़े प्रोटोकॉल का पालन किए सुरक्षा कारणों से भी किसी की फोन टैपिंग नहीं की जा सकती।
भाजपा सांसद ने कहा कि वर्ष 2019 में भी जब ऐसा मामला आया था, तब सरकार ने इस आरोप को तथ्यहीन और भ्रामक बताया था। उन्होंने कहा कि एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने दलित, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के 47 लोगों को केंद्रीय मंत्री बनाकर उन्हें सम्मान दिया लेकिन संसद सत्र के पहले दिन जब प्रधानमंत्री उनका परिचय कराने खड़े हुए, तब इसका स्वागत करने की बजाय विपक्ष ने हंगामा कर यही साबित किया कि समाज के इन वर्गों को इतने बड़े स्तर पर सम्मान मिलना उसे रास नहीं आया। मोदी ने कहा कि संसद के इतिहास में नए मंत्रियों के परिचय के समय शोर-शराबे की शर्मनाक घटना इस सदी में पहली बार हुई। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस अमर्यादित और पिछड़ा-दलित विरोधी आचरण को पूरे देश ने देखा।