बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में तेजस्वी की अनुपस्थिति मर्यादा का हननः सुशील मोदी

Edited By Ramanjot, Updated: 21 Oct, 2021 09:47 AM

tejashwi yadav failed to fulfill constitutional obligation sushil

सुशील मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आना राज्य के लिए गौरव की बात है। वे बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं। उनकी गरिमामय उपस्थिति वाले समारोह में अनुपस्थित रहकर नेता प्रतिपक्ष...

पटनाः बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में उनकी अनुपस्थिति मर्यादा का हनन है।

सुशील मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आना राज्य के लिए गौरव की बात है। वे बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं। उनकी गरिमामय उपस्थिति वाले समारोह में अनुपस्थित रहकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दलित समाज से आने वाले एक अतिशालीन व्यक्ति का अपमान किया। उन्होंने कहा कि वे (तेजस्वी) नीतीश सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे।

भाजपा सांसद ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालना, सदन के भीतर मारपीट करना, आसन की अवहेलना करना और सरकार के जवाब का बहिष्कार करना राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संसदीय आचरण का स्वभाव बन चुका है। पार्टी अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करने में पूरी तरह विफल है।

मोदी ने कहा कि विधानसभा का शताब्दी समारोह संसदीय राजनीति में बिहार के योगदान को याद करने का स्वर्णिम अवसर है। आज के और भावी जनप्रतिनिधियों को यह जानना चाहिए कि उनके पुरखों ने बिहार को आधुनिक बनाने के लिए किस तरह के फैसले लिए। उन्होंने कहा कि इस सदन के सदस्यों की संख्या यदि 1952 में 330, 1956 में 318, 1977 में 324 और वर्ष 2000 में 243 हो गई तो उसकी परिस्थितियों से नई पीढ़ी को अवगत होना चाहिए।

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