Edited By Ramanjot, Updated: 25 Jan, 2022 04:40 PM

बिहार में राजग के प्रमुख घटक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में भी सीटों को लेकर खींचतान की स्थिति बनी हुई है। भाजपा 13 सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले पर अड़ी हुई है और वह सीटों के बंटवारे में किसी प्रकार का समझौता करने...
पटनाः बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से चौबीस सीटों के लिए होने वाले विधान परिषद चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन में अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो सका है।
बिहार में राजग के प्रमुख घटक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में भी सीटों को लेकर खींचतान की स्थिति बनी हुई है। भाजपा 13 सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले पर अड़ी हुई है और वह सीटों के बंटवारे में किसी प्रकार का समझौता करने के मूड में नहीं है। वहीं, राजद नीत महागठबंधन में भी सीटों को लेकर अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
भाजपा की ओर से सीटों को लेकर इस बात की पुष्टि तब हुई जब मंगलवार को बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद डा. संजय जायसवाल से घटक विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को सीट देने के मुद्दे पर सवाल किया गया। उनसे जब पूछा गया कि वीआईपी ने विधान परिषद के चुनाव में चार सीटें देने या फिर पार्टी द्वारा अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही गई है तो इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई। हालांकि उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उनकी मुस्कान यह बता रही थी कि वह वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की धमकी को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं। भाजपा पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह घटक दल वीआईपी को कोई सीट नहीं देने जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कल वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने यह घोषणा की थी कि यदि राजग में उन्हें विधान परिषद चुनाव में चार सीटें नहीं मिलती हैं तो वह सभी 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। साथ ही कहा था कि अब वर्षों से कुर्सी पर कुंडली मारकर बैठे लोगों को जगह खाली करनी होगी।