Edited By Khushi, Updated: 27 Jul, 2024 12:04 PM
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में कम हो रहे आदिवासियों का मुद्दा संसद में गूंजने के सवाल पर कहा कि झारखंड में 1951 में लगभग 36% आदिवासी जनसंख्या थी, लेकिन 2011 में वो घटकर 26 % हो गयी है।
रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में कम हो रहे आदिवासियों का मुद्दा संसद में गूंजने के सवाल पर कहा कि झारखंड में 1951 में लगभग 36% आदिवासी जनसंख्या थी, लेकिन 2011 में वो घटकर 26 % हो गयी है।
"अगर आबादी घटी तो आदिवासियों की लोकसभा व विधानसभा में भी सीट घट जाएगी"
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ये हम सब लोगों के लिए चिंता का विषय है इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखा है कि SIT का गठन करें। पूरे मामले की जांच कराइये कि आखिर आदिवासियों की जनसंख्या लगातार इसी प्रकार से कम होती रहेगी तो इसका दुष्प्रभाव क्या होगा। चूंकि आदिवासी को आबादी के आधार पर विधानसभा में और लोकसभा में भी आरक्षण मिला हुआ है और सरकारी सेवाओं में भी आबादी के अनुपात में उनका आरक्षण है अगर यह आबादी घटती चली गई तो उनका लोकसभा और विधानसभा में भी सीट घटेगा।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकारी सेवाओं में जो नौकरियां है वह भी कम होगा और फिर जल जंगल जमीन से भी आज वह महरूम हो रहे हैं। पिछले कुछ सालों से साहिबगंज संथाल परगना में आदिवासी लड़कियों के साथ मुस्लिम युवकों के प्रेम संबंध, बलात्कार और प्रेम विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। कई ऐसे प्रेम विवाह सामने आए हैं, जिसमें मुस्लिम युवकों ने शादी के बाद आदिवासी लड़कियों को चुनाव लड़ाने में मदद की और उन्हें चुनाव जिताकर सत्ता पर काबिज भी कराया। साहिबगंज के बोरियो इलाके में पिछले एक साल में करीब सौ मुस्लिम युवकों ने आदिवासी लड़कियों से प्रेम विवाह किया है।