Edited By Khushi, Updated: 29 Jul, 2024 11:12 AM
झामुमो ने कहा कि देश व समाज में विभाजनकारी राजनीति की बुनियाद भारतीय जनता पार्टी ने रखी है। उसका प्रतिफल बहुत विकट होने वाला है। जब से झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रभारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हेमंत...
रांची: झामुमो ने कहा कि देश व समाज में विभाजनकारी राजनीति की बुनियाद भारतीय जनता पार्टी ने रखी है। उसका प्रतिफल बहुत विकट होने वाला है। जब से झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रभारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा... जिस दिन से विश्व शर्मा जी का झारखंड में प्रवेश हुआ उस दिन से समाज में धर्म और जाति के नाम पर जहर घोला जा रहा है।
"यह पुनः एक विभाजन की तैयारी हो रही है"
झामुमो ने कहा कि उस जहर का असर यह हुआ कि पिछले दिनों गोड्डा के भाजपा संसद में लोकसभा में झारखंड के संथाल परगना, बिहार के कोसी क्षेत्र और बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद जिले को मिलाकर यूनियन टेरिटरी क्षेत्र बनाने की मांग रखी। कोई साधारण बयान नहीं है यह सोची समझी राजनीति के तहत झारखंड को फिर से बांटने की एक साजिश है जिस प्रकार से जम्मू और कश्मीर को लेह लद्दाख के नाम पर विभाजन किया गया। यह भाजपा की एक दूरगामी सोच है। झामुमो ने कहा कि यह पुनः एक विभाजन की तैयारी हो रही है। कि घुसपैठ की बात हो रही है जबकि झारखंड के सिवा किसी भी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से नहीं लगती है। बलिदान त्याग के पश्चात जो मिली है जो हमें हमारा झारखंड राज्य मिला। झारखंडी पहचान को ही समाप्त कर देने की साजिश है। उन्होंने कहा कि यह झारखंड की समाप्ति का ऐलान संसद में किया गया है। जनता पार्टी के अलायन्स के साथ 9 सांसद हैं उनमें से एक सांसद का यह बयान है। 8 संसद को लोकसभा में खड़ा होकर यह बोलना होगा कि झारखंड के प्रति उनका नजरिया क्या है। संगीत ढांचा को मिटाने के लिए हर काम किया जा रहा है अब तो राज्य को मिटाने के लिए जिस प्रकार से जम्मू कश्मीर को मिटाने की कोशिश किया गया उसी प्रकार का प्रयोग झारखंड में भी होने जा रहा है।
कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की के बयान पर पूछे गए सवाल पर झामुमो ने कहा कि उनका तात्पर्य क्या था रघुवर दास जी के समय 1985 के आधार पर जो लोग यहां कमाने खाने वाले थे उनको मूलवासी बना दिया गया। यही कहा था ना उन्होंने तो इसमें गलत क्या है। वहीं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ आशा लकड़ा के डेमोग्राफिक चेंज को लेकर दिए गए आंकड़े और बयानों पर उन्होंने कहा कि भाजपा का डेमोग्राफी बदल गया है। वहीं लोबिन हेम्ब्रम के आरोपों पर कहा कि लोबिन दा अब स्वतंत्र है, वो न्यायालय जा रहे हैं। न्यायालय उचित फैसला देगा।