Edited By Diksha kanojia, Updated: 24 Oct, 2021 03:11 PM
रांची में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुंडा ने कहा कि कुछ विरोधी दल के नेता शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे जनमुद्दों पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
रांचीः आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार पर जनजातियों के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही राशि खर्च नहीं करने का आरोप लगाया है।
रांची में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुंडा ने कहा कि कुछ विरोधी दल के नेता शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे जनमुद्दों पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से आदिवासी समाज के बच्चों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एकलव्य विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है, लेकिन राज्य में कुछ स्थानों पर स्कूल खोलने देने में भी बाधा डाली जा रही है, इस तरह की राजनीति किसी भी समाज के लिए नुकसानदेह है।
मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार जनजातियों के लिए संवेदनहीन है, केन्द्र सरकार पैसा राज्य को भेजती है मगर राज्य सरकार खर्च नहीं कर पाती है। इस संबंध में कई बार मुख्यमंत्री को उन्होंने कहा है मगर इसके बाबजूद जनजातियों के विकास के लिए आये पैसे खर्च नहीं किये गये। उन्होंने जनजातियों के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस के 400 करोड़ होने के संबंध में मुख्यमंत्री को कई बार पत्र लिखे जाने के बाबजूद उसपर कोई पहल नहीं किये जाने पर दुख जताया। उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में एक नया लकीर खींचने का काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री का आत्म आत्मनिर्भर भारत बनाने में जनजातीय समाज पीछे ना रहे।
जनजाति समाज का विकास होगा तभी देश का विकास हो पाएगा गांव को सशक्त बनाकर ही देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। भाजपा अनुसूचित जाति जनजाति के मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के जनजाति विकास के लिए अनेक योजनाएं ला कर जनजाति समाज को आगे बढाने का काम कर रहे है। प्रधानमंत्री का भोकल फोर लोकल को लेकर जनजाति समाज को आत्मनिर्भर बनाना है। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने झारखंड में भ्रष्टाचार का बोलबाला होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में भी जनता से किये वादे को यूपीए सरकार भूल गई है।
उन्हांने झारखंड में जनजातियों की समस्या पर दुख जताते हुए कहा कि जिस राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री हों उस राज्य में अनुसूचित जनजाति आयोग तक ना हो इससे दुखद स्थिति क्या हो सकती है। रेणु सिंह ने कहा कि बिहार में एक प्रतिशत जनजाति हैं तो वहां अनुसूचित जनजाति आयोग है, वहीं झारखंड में 22 प्रतिशत आदिवासियों की आबादी है तो यहां अनुसूचित जनजाति आयोग नहीं है इससे साफ है कि मुख्यमंत्री आदिवासी के प्रति चिंतित नहीं है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक शनिवार को रांची में शुरू हो गया है इसमें देशभर के आदिवासी नेताओं ने हिस्सा लिया है।
इसमें जनजाति संस्कृति परिधान और खानपान की झलकियां भी है एंव झारखंड के वीर योद्धाओ की प्रदर्शनी भी लगाई गई हैं। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी सतीश राष्ट्रीय महामंत्री सा मोर्चा प्रभारी दिलीप सैकिया केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह गुलदस्ते राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।