झारखंड के लोगों के सवाल का जवाब निरुत्तर रह गया और CM हेमंत पॉलिटिकल नौटंकी करके चले गए: अमर बाउरी

Edited By Khushi, Updated: 03 Aug, 2024 02:43 PM

the answer to the questions of the people of jharkhand remained

विधानसभा के मॉनसून सत्र के समापन पर सदन में सीएम द्वारा दिए गए जवाब से भाजपा असंतुष्ट नजर आई। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि झारखंड के लोगों का जवाब निरुत्तर रह गया और मुख्यमंत्री पॉलिटिकल नौटंकी करके चले गए।

रांची: विधानसभा के मॉनसून सत्र के समापन पर सदन में सीएम द्वारा दिए गए जवाब से भाजपा असंतुष्ट नजर आई। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि झारखंड के लोगों का जवाब निरुत्तर रह गया और मुख्यमंत्री पॉलिटिकल नौटंकी करके चले गए।

"सदन में नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया गया"
अमर बाउरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि 2019 में जिन वादों के साथ वे सत्ता में आए थे, उनका क्या हुआ? नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या करने वाली सरकार से जनता जानना चाहती है कि हर साल 5 लाख लोगों को रोजगार देने, बेरोजगार स्नातकों को ₹5000 और बेरोजगार स्नातकोत्तरों को ₹7000 बेरोजगारी भत्ता देने, अनुबंध कर्मियों को नियमित करने, रोजगार नीति, स्थानीय नीति का क्या हुआ? इनका सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। अमर कुमार बाउरी ने कहा कि CGL, JPSC, JSSC परीक्षाओं की CBI जांच पर सीएम हेमंत ने कुछ नहीं कहा, बेरोजगारी भत्ता देने पर कुछ नहीं कहा। टुडे नियोजन नीति स्थानीय नीति पर कुछ नहीं कहा। इन्होंने खतियान आधारित नियोजन नीति पर कुछ नहीं कहा। संविदा और अनुबंध कर्मियों पर भी कुछ नहीं कहा। हम लोगों ने कहा था कि मुख्यमंत्री भागेंगे और वह भाग गए। उन्होंने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का ही मौका नहीं दिया। देश के अंदर उनके नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बोलने के लिए असीमित अधिकार चाहिए, लेकिन झारखंड में नेता प्रतिपक्ष को बोलने के लिए उनके पास 5 सेकंड नहीं है।

बता दें कि सीएम हेमंत ने बीते शुक्रवार को विधानसभा के समापन के दिन कहा, "भाजपा नियुक्ति की बात करती है, हम लोगों ने गैर सरकारी संस्थानों में एक लाख लोगों को नियुक्ति दिया, कई जिलों में जाकर हजारों बच्चों को नियुक्ति पत्र अपने हाथ से दिया, आज ये बच्चे देश विदेश में नौकरी और स्वरोजगार कर रहे, सरकारी नौकरी में इन्होंने बीस साल में नियमावली नहीं बनाई, सारी नियुक्ति नियमावली हमने बनाई, यहां के नौजवानों को अधिकार मिले, इसके लिए नियोजन और स्थानीय नीति बनाया, ये पीठ पर छुरा मारते, सामने से वार करने की क्षमता नहीं, ये कोर्ट कचहरी और गवर्नर के माध्यम से सरकार को ध्वस्त करना चाहते, नियोजन नीति के खिलाफ भाजपा सक्रिय कार्यकर्ता गया, ये हमको रोकने का काम करते, हमने कानून बनाया तो असंवैधानिक, ये करें तो संवैधानिक, झारखंड में पहली बार वैज्ञानिक नियुक्ति किए, रिम्स में ग्रेड ए की नर्सों का नियुक्ति निकाली। लिपिक लेखा पदाधिकारी की नियुक्ति की, इन नियुक्तियों मे यहां के 83 प्रतिशत यहां के आदिवासी मूलवासी को नियुक्त किया, किसी किसी में 100 प्रतिशत नियुक्ति इन लोगों की हुई, इनको आइना दिखाएंगे, पंचायत सचिव, पंचायत कर्मचारी, आईटीआई प्रशिक्षक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, प्रशिक्षक्षित शिक्षक प्रतियोगिता कराई, पशु चिकित्सक पहली बार बहाल हुए, आयुष शिक्षक, उद्यान पदाधिकारी नियुक्त किए, कितना गिनाए, कागज कलम रखिए।"

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