"कोरोना वैक्सीन के कारण नहीं हुई अभ्यर्थियों की मौत", प्रतुल शाहदेव बोले- हेमंत सोरेन द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद

Edited By Khushi, Updated: 06 Sep, 2024 11:42 AM

the candidates did not die due to corona vaccine  pratul shahdev

झारखंड में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा लगाए गए उस आरोप को निराधार बताया जिसमें उन्होंने कहा कि उत्पाद सिपाही के अभ्यर्थियों की मृत्यु के पीछे का सबसे बड़ा कारण कोरोना वैक्सीन है।

रांची: झारखंड में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा लगाए गए उस आरोप को निराधार बताया जिसमें उन्होंने कहा कि उत्पाद सिपाही के अभ्यर्थियों की मृत्यु के पीछे का सबसे बड़ा कारण कोरोना वैक्सीन है।

"ये पंद्रहों मौतों के लिए हेमंत सरकार जिम्मेवार है"
शाहदेव ने कहा कि शारीरिक परीक्षा के केंद्रों में पूरे तरीके से बदइंतजामी और मिस मैनेजमेंट रहा। 24 घंटे पहले तक अभ्यर्थियों को लाइन में लगा दिया गया। भूखे प्यासे अभ्यर्थियों को उमस भरी गर्मी में दौड़ा दिया गया। केंद्रों में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं थी। अस्पतालों में भी इलाज में लापरवाही हुई। जिसके कारण 15 होनहार अभ्यर्थियों ने अपना जीवन गवा दिया। 300 से ज्यादा अभ्यर्थी अभी भी अस्पतालों में जीवन मौत के बीच में संघर्ष कर रहे हैं। शाहदेव ने कहा ये पंद्रहों मौतों के लिए हेमंत सरकार जिम्मेवार है। हेमंत सरकार सिर्फ आरोप से ध्यान बांटने के लिए इन मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार बता रही है। इसी कोविशील्ड वैक्सीन को 90 देशों में दिया गया। भारत में 180 करोड़ इस वैक्सीन के डोज लगाए गए। मार्च में ही वल्डर् हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में कोविशील्ड वैक्सीन ने कोरोना के रोकथाम में बड़ी भूमिका निभाई। इसी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि ब्लड क्लॉटिंग की समस्या की बातें भारत में सिर्फ 0.000003त्न रहा है।

"हेमंत सरकार लाशों पर झूठी राजनीति करने वाली सरकार है"
प्रतुल ने कहा कि ब्रिटिश कोर्ट में वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्रेजनेका कंपनी ने भी बताया था कि जो भी इस वैक्सीन के नगन्य संख्या में साइड इफेक्ट है, वह कोरोना वैक्सीन के पहले डोज के पहले महीने के भीतर दिखते हैं। यानी 2024 में कोरोना वैक्सीन के कारण किसी साइड इफेक्ट की कोई संभावना नहीं है। शाहदेव ने कहा कि उत्पाद सिपाही अभ्यर्थियों की दौड़ में सरकार ने सिर्फ चुनाव से पूर्व चेहरे को चमकाने के लिए 6 लाख अभ्यर्थियों की जान को खतरे में डाल दिया। ना केंद्रों पर पानी की व्यवस्था थी, ना ग्लूकोज की और ना ही कोई आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था थी। गर्मी के कारण बेहोश होकर गिरने वाले अभ्यर्थियों को तुरंत अस्पताल ले जाने की भी व्यवस्था नहीं थी। इन 15 उत्पाद सिपाही के अभ्यर्थियों की मौतों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। वह कोई भी बहाने कर ले उनके दामन से इन मौतों का दाग नहीं मिट सकता। उन्होंने कहा कि सबसे अफसोस जनक बात है कि भारतीय जनता पार्टी सभी अभ्यर्थियों को 1 लाख मुआवजा दे रही है और उनके घरों पर भी जा रही है, लेकिन इस निष्ठुर सरकार ने अभी तक ना तो उनके इलाज की व्यवस्था की है, ना कोई मुआवजा दिया है। यह लाशों पर झूठी राजनीति करने वाली राज्य सरकार है। 

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