Edited By Nitika, Updated: 09 Aug, 2024 02:19 PM
बिहार में बेरोजगारी की समस्या से जूझते युवाओं के लिए नीतीश सरकार ने एक नई उम्मीद जगाई है। नीतीश सरकार, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत युवाओं को कारोबार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करा रही है।
पटना (विकास कुमार): बिहार में बेरोजगारी की समस्या से जूझते युवाओं के लिए नीतीश सरकार ने एक नई उम्मीद जगाई है। नीतीश सरकार, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत युवाओं को कारोबार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करा रही है। इन योजनाओं का लक्ष्य बिहार के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और बिहार में उद्यमिता को बढ़ावा देना है, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकें।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ पाने के लिए युवक 16 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। नीतीश सरकार बिहार के लोगों को स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाना चाहती है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार करने के लिए नीतीश सरकार नए अवसर प्रदान कर रही है। बिहार सरकार, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। बिहार में अभी तक इस योजना का लाभ 40 हजार युवाओं को मिल चुका है। नीतीश सरकार का लक्ष्य है कि यह संख्या 50 हजार तक पहुंचे। इस साल अभी तक पांच लाख लोगों ने उद्यमी योजना को लेकर रजिस्ट्रेशन करवाया है। बिहार के उद्योग मंत्रालय के मुताबिक इस बार अलग-अलग कैटेगरी में 9240 लोगों को लोन देना है, जिसमें दो हजार युवाओं को, दो हजार महिलाओं को, दो हजार ओबीसी कैटेगरी के लोगों को, दो हजार अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को और एक हजार दो सौ चालीस अल्पसंख्यकों को लोन दिया जाएगा।
क्या है नीतीश सरकार की लघु उद्यम योजना?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना के बाद बिहार में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार को लघु उद्यम योजना के तहत दो लाख रुपए लोन देने की घोषणा की थी। उद्योग मंत्रालय के मुताबिक इस योजना के तहत 40 हजार लोगों को लोन की पहली किस्त दी गई है। लघु उद्यम योजना का उद्देश्य है ज्यादा से ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार का मौका मिले। साथ ही ऐसे उद्योग के जरिए अन्य युवाओं को भी रोजगार का अवसर मिलता है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत स्वरोजगार को लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है। साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्यमी योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत युवाओं को उद्योग विभाग द्वारा उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रुपए का लोन दिया जाता है, जिसमें पांच लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। लाभुक को पांच लाख रुपए ही वापस करने होते हैं, जिसे लाभुक को 84 किस्त में यानी सात वर्ष में लौटाने होते हैं। इस योजना के तहत पांच लाख की राशि के लिए युवाओं को एक प्रतिशत ब्याज के साथ राशि जमा करना होता है। अन्य कैटेगरी के लोगों को ब्याज मुक्त लोन दिया जाता है।
योजना का लाभ लेने के लिए कब तक कर सकते हैं आवेदन?
इस बार भी उद्योग विभाग के द्वारा उद्यमी लोन देने की घोषणा की गई है। इसको लेकर आवेदन लिए जा रहे हैं। एक जुलाई से आवेदन लिए जा रहे हैं और 16 अगस्त तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार को लेकर प्रेरित करना है। फिलहाल बिहार में इस लोन को लेकर 4 लाख 60 हजार से ज्यादा आवेदन आ जा चुके हैं। इस योजना के तहत रैंडम लॉटरी सिस्टम से लाभुकों का चयन किया जाता है।
योजना के तहत लाभुकों को कैसे मिलती है राशि?
इस योजना के तहत चुने गए लाभुक को सरकार पहली किस्त में 25 प्रतिशत की राशि देती है। साथ ही जो सामान उन्हें उद्योग लगाने के लिए चाहिए उसके लिए भी राशि दूसरी किस्त में दी जाती है। चुने हुए लोगों को उद्योग विभाग पहले एक सप्ताह की ट्रेनिंग देता है। ट्रेनिंग के लिए लाभुकों को सेंटर पर पहुंचना अनिवार्य रहता है। जिला उद्योग केंद्र में ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें उद्योग लगाने के लिए जितने पैसे की जरूरत होती है वो उपलब्ध करवाया जाता है। उद्योग शुरू होने के बाद जिला उद्योग विभाग इसकी मॉनिटरिंग करता है।