Edited By Ramanjot, Updated: 23 Jun, 2023 04:48 PM

Lok Sabha Election: फिलहाल लोकसभा में भाजपा की सीटों की संख्या 300 से अधिक है। भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने पिछले संसदीय चुनाव में 50 से कुछ अधिक सीटें जीती थीं। 2014 में उसने केवल 44 सीटें जीती थीं, जो उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन...
Lok Sabha Election: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एक संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुक्रवार को यहां बुलाई गई बैठक में भाजपा विरोधी कुल 14 दलों ने हिस्सा लिया। 543 सदस्यीय लोकसभा में, इन दलों की संयुक्त ताकत 200 से भी कम है। लेकिन उनके नेताओं को उम्मीद है कि वे मिलकर भाजपा को अगले लोकसभा चुनाव में 100 सीटों से कम पर समेट देंगे।
2014 में था सबसे खराब प्रदर्शन
फिलहाल लोकसभा में भाजपा की सीटों की संख्या 300 से अधिक है। भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने पिछले संसदीय चुनाव में 50 से कुछ अधिक सीटें जीती थीं। 2014 में उसने केवल 44 सीटें जीती थीं, जो उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में अपनी सफलताओं और राहुल गांधी की "भारत जोड़ो यात्रा" को मिली जोरदार प्रतिक्रिया से उत्साहित कांग्रेस को 2024 के आम चुनाव में मजबूत वापसी की उम्मीद है। बैठक में शामिल दो दल, राजद और भाकपा माले पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में असफल रहे थे। हालांकि दोनों ने एक साल बाद हुए बिहार विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। अब उन्हें उम्मीद है कि अगले लोकसभा चुनाव में भी वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
पिछले आम चुनाव में शिवसेना ने जीती थीं 18 सीटें
अन्य दलों में, केवल तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और जद (यू) ने पिछले आम चुनाव में दोहरे अंक में सीटें हासिल की थीं। शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कितने सांसद, विपक्षी एकता की वकालत करने वाले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के साथ बने रहेंगे। बैठक में शामिल अन्य पार्टियों में जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भाकपा और माकपा शामिल हैं।