Edited By Ramanjot, Updated: 13 Mar, 2025 11:12 AM

बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत 1.50 लाख से अधिक लाभार्थियों को नोटिस जारी किया है। इन लाभार्थियों ने अपने निजी बैंक खातों में आवश्यक राशि मिलने के बावजूद मकान नहीं बनाए या निर्माण अधूरा छोड़ दिया।
पटना: बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत 1.50 लाख से अधिक लाभार्थियों को नोटिस जारी किया है। इन लाभार्थियों ने अपने निजी बैंक खातों में आवश्यक राशि मिलने के बावजूद मकान नहीं बनाए या निर्माण अधूरा छोड़ दिया।
बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि सरकार ने 19,495 बकाएदारों के खिलाफ ‘सर्टिफिकेट केस’ भी दर्ज किया है, जिन्होंने कई महीनों पहले सभी किस्तों की राशि प्राप्त करने के बावजूद मकान नहीं बनाया।
सरकार से पैसा लिया, लेकिन मकान नहीं बनाया
मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि: 82,441 लाभार्थियों को ‘व्हाइट नोटिस’ जारी किया गया, जो उन्हें मकान बनाने की अंतिम चेतावनी है।
67,733 लाभार्थियों को ‘रेड नोटिस’ जारी किया गया, जिसका अर्थ है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा न करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
19,495 लोगों के खिलाफ ‘सर्टिफिकेट केस’ दायर किया गया है, जिससे वसूली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह योजना गांव-देहात के गरीबों को 25 वर्ग मीटर न्यूनतम आकार के पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही है।
पीएम आवास योजना में कितनी मिलती है राशि?
- मैदानी क्षेत्रों में मकान निर्माण के लिए ₹1,20,000 प्रति इकाई वित्तीय सहायता।
- पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में ₹1,30,000 प्रति इकाई वित्तीय सहायता।
- योजना की 60% राशि केंद्र सरकार और 40% राशि राज्य सरकारें वहन करती हैं।