Edited By Ramanjot, Updated: 16 Nov, 2024 03:00 PM
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जब प्रधानमंत्री बिहार के दौरे पर होते हैं, तेजस्वी और दूसरे नेता जो भ्रष्टाचार और परिवारवाद की देन हैं, उनकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है। ऐसे नेताओं को डर सताने लगता है कि पीएम...
पटना: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्रा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ग्रामोफोन के रिकार्ड की तरह तेजस्वी यादव का 'रिकार्ड' भी फंस गया है, इसलिए विशेष दर्जा की रट लगा रहे हैं, जबकि पूरा देश-प्रदेश तेजस्वी जी के इस ढकोसले को समझ चुका है। इन्हें बिहार की नहीं, सिर्फ अपनी सियासत की चिंता है, तेजस्वी बिहार की सियासत के रटंत तोता बन गए हैं।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जब प्रधानमंत्री बिहार के दौरे पर होते हैं, तेजस्वी और दूसरे नेता जो भ्रष्टाचार और परिवारवाद की देन हैं, उनकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है। ऐसे नेताओं को डर सताने लगता है कि पीएम मोदी इनकी जमकर खबर लेंगे और एक-एक पोल जनता के सामने खोल देंगे। इसलिए तेजस्वी जैसे नेता किसी बात को रट लगाकर सेफ मोड में जाने की कोशिश में लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी को तो कोई समझ है नहीं कि विशेष दर्जा के लिए जरूरी मापदंड होते हैं, जो बिहार पूरा नहीं करता, इसलिए एक ही बात की रट लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने बिहार को जो पैकेज दिया है, वह विशेष दर्जा से कम है, क्या? लेकिन, तेजस्वी को समझाना नौ कोस पैदल चलने से भी कठिन है।
मुद्दा विहीन हो गया है विपक्ष
मिश्रा ने कहा कि तेजस्वी को अपने अपने माता-पिता से पूछना चाहिए कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए प्रयास क्यों नहीं किया। केंद्र की यूपीए सरकार में लालू जी शामिल थे, तब बिहार को विशेष दर्जा क्यों नहीं दिलाया। असल में बात यह है कि बिहार में एनडीए की सरकार ने विपक्ष के सामने कोई मुद्दा ही नहीं छोड़ा है, जिसके साथ जनता के बीच जाए, इसलिए इंडी गठबंधन हताशा में है कि इस मुद्दे पर 2025 में जनता से वोट मांगेगा। विपक्ष मुद्दा विहीन हो गया है।