जाली नोटों की तस्करी मामले में एक युवक को 20 वर्षों का कठोर कारावास, 75000 रुपए जुर्माना

Edited By Ramanjot, Updated: 23 Jul, 2022 01:16 PM

20 years imprisonment for a youth in case of smuggling counterfeit notes

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने मामले में सुनवाई के बाद पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद अली अख्तर अंसारी उर्फ अली अख्तर आलम को भारतीय दंड विधान और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप...

पटनाः जाली नोटों की तस्करी के मामले में बिहार में पटना की एक विशेष अदालत ने एक युवक को 20 वर्षों के सश्रम कारावास के साथ ही 75000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने मामले में सुनवाई के बाद पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद अली अख्तर अंसारी उर्फ अली अख्तर आलम को भारतीय दंड विधान और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निरोधक अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद 20 वर्षों के सश्रम कारावास के साथ ही 75000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को छह महीने के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।

आरोप के अनुसार, 24 सितंबर 2015 को राजस्व आसूचना निदेशालय मुजफ्फरपुर के अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर रक्सौल स्थित एक निजी कूरियर कंपनी के डिपो से 25 लाख 43 हजार रुपए के जाली नोटों का एक पार्सल जब्त किया था, जिसमें 500 रुपए के 5086 जाली नोट थे। पार्सल दोषी के नाम से था। बाद में 30 सितंबर 2015 को दोषी को गिरफ्तार किया गया था। मामले का तार विदेश से जुड़ने के बाद जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एनआईए ने जांच कर आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान एनआईए ने आरोप साबित करने के लिए 28 गवाहों के साथ 76 दस्तावेजी सबूत और 10 वस्तु प्रदर्श न्यायालय में पेश किए थे।

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