बिहार में एक युवक ने किराए पर कमरा लेकर...मेकअप कर बनाए मारपीट के झूठे वीडियो, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Edited By Khushi, Updated: 14 Mar, 2023 01:15 PM

a young man from bihar took a room on rent and made fake video

तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों से मारपीट मामले में पटना पुलिस ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक, मजदूरों पर हमले के फेक वीडियो बिहार में ही शूट किए गए थे

पटना: तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों से मारपीट मामले में पटना पुलिस ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक, मजदूरों पर हमले के फेक वीडियो बिहार में ही शूट किए गए थे और इन वीडियोज को शूट करने वाले शख्स का नाम राकेश रंजन कुमार सिंह है।

बिहार में ही शूट किए गए फेक वीडियो
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, पुलिस की टीम ने बीते 8 मार्च को गोपालगंज में आरोपी रंजन कुमार को गिरफ्तार किया। 10 मार्च को रंजन कुमार सिंह के घर पर छापेमारी की। आरोपी ने कमरे का इस्तेमाल तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के साथ मारपीट का एक नकली वीडियो बनाने के लिए किया था। पूछताछ के दौरान उसने 6 मार्च को फेक वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए एक घर किराए पर लेने की बात स्वीकार की। अधिकारी ने ये भी बताया कि आरोपी रंजन कुमार ने वीडियो में अनिल यादव और आदित्य कुमार नाम के 2 लोगों को घायल मजदूरों के रूप में दिखाया। आरोपी रंजन ने नकली चोटों को दिखाने के लिए कपास, पट्टी और बीटाडीन भी खरीदी थी और मेकअप का इस्तेमाल किया। उसने अपने फोन से वीडियो शूट करके मनीष नाम के एक यूट्यूबर को दे दिया, जो अपने फेसबुक और ट्विटर पर ‘सच तक न्यूज’ चैनल का पेज चलाता था।”

गौरतलब है कि पिछले दिनों एक सोशल मीडिया पर एक हिंसात्मक वीडियो वायरल हुई थी। जिसको बताया कि यह तमिलनाडु का है यहां पर बिहारी मजदूरों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। देखते ही देखते यह खबर इतनी फैल गई कि दोनों राज्य के DGP ने बात की और इस मामले को अफवाह करार दे दिया। इसके बाद तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने भारतीय श्रमिकों से आग्रह करते हुए कहा कि 'घबराने एवं असुरक्षित महसूस करने की जरूरत नहीं है तमिलनाडु के लोग बहुत अच्छे एवं मिलनसार हैं तथा राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।' इतना ही नहीं वहां के सीएम एके स्टालिन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बात की, लेकिन जब विपक्ष का दबाव बढ़ गया तो नीतीश ने 4 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भी जांच करने के लिए भेज दी, जिसके बाद जांच में यह सभी वायरल वीडियो फर्जी निकली। वहीं, पुलिस ने इस मामले में 8 आरोपियों में से अब तक 3 को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों राकेश रंजन कुमार सिंह, अमन कुमार और राकेश तिवारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
 

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