Edited By Ramanjot, Updated: 20 Nov, 2020 01:31 PM
बिहार में नवगठित सरकार बनने के बाद चर्चा में रहे मेवालाल चौधरी ने गुरुवार को शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण करने के तीन घंटे के अंदर ही पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद मेवालाल चौधरी का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश की...
पटनाः बिहार में नवगठित सरकार बनने के बाद चर्चा में रहे मेवालाल चौधरी ने गुरुवार को शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण करने के तीन घंटे के अंदर ही पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद मेवालाल चौधरी का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश की छवि को बचाने के लिए इस्तीफा दिया है।
दरअसल, भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद चौधरी को मंत्री बनाए जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। विपक्ष लगातार उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर था। इसी बीच जहां उनके त्यागपत्र को विपक्ष ने अपनी जीत बताया तो वहीं, सत्ता पक्ष ने इसे राजनीतिक शुचिता का उदाहरण बताया गया। इसी बीच इस्तीफा देने वाले डॉ. मेवालाल चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के सच्चा सिपाही होने के नाते उनकी छवि पर किसी तरह की आंच न आए, इसलिए खुद इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने कहा कि वो जब तक पाक-साफ साबित नहीं हो जाते, तब तक इस पद पर नहीं रहेंगे।
बता दें कि राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता के आरोपों और एफआईआर दर्ज किए जाने के मद्देनजर चौधरी को सल 2017 में नीतीश कुमार नीत जदयू से निलंबित कर दिया गया था। वहीं वर्ष 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी की मौत हो गई थी। अब मेवालाल द्वारा मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने राज्य के डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखकर मांग की थी कि मेवालाल की पत्नी की आग से झुलस कर हुई मौत के मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराई जाए ।