Ramayan Circuit Bihar: अयोध्या की तर्ज पर पुनौराधाम का होगा भव्य विकास, रामायण सर्किट को मिलेगी नई पहचान

Edited By Ramanjot, Updated: 02 May, 2025 07:01 PM

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बिहार के सीतामढ़ी में स्थित मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम को अयोध्या के राम जन्मभूमि की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इस धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के समग्र विकास के लिए मेसर्स डिजाइन एसोसिएट्स इन कॉरपोरेटेड को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, जो डिजाइन...

पटना: बिहार के सीतामढ़ी में स्थित मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम को अयोध्या के राम जन्मभूमि की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इस धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के समग्र विकास के लिए मेसर्स डिजाइन एसोसिएट्स इन कॉरपोरेटेड को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, जो डिजाइन कंसल्टेंट के तौर पर काम करेगी।

अयोध्या की तर्ज पर विकसित होगा पुनौराधाम

वर्तमान में मंदिर परिसर में 17 एकड़ भूमि उपलब्ध है, जबकि इसके व्यापक विकास के लिए अतिरिक्त 50 एकड़ भूमि को चिह्नित किया गया है। इस परियोजना की लागत 120 करोड़ 58 लाख रुपये आंकी गई है, जिसे नवंबर 2024 में प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है।

सीताकुंड का होगा पुनर्विकास

पूर्वी चंपारण जिले में स्थित सीताकुंड के पुनर्विकास की योजना को भी मंजूरी मिल चुकी है। इस स्थल के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष की पहली किस्त के रूप में 6 करोड़ 55 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। यहां पर प्रवेश द्वार, कैफेटेरिया, चहारदीवारी, शौचालय ब्लॉक और दुकानों के निर्माण सहित सम्पूर्ण परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। यह कार्य बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की देखरेख में अगले 18 महीनों में पूर्ण किया जाएगा।

पंथपाकर का भी होगा विकास 

सीतामढ़ी जिले के अंतर्गत आने वाले पंथपाकर स्थल को भी भव्य रूप देने की तैयारी है। इस स्थान को लेकर मान्यता है कि जब भगवान राम के साथ माता सीता अयोध्या जा रही थीं, तब यहीं पर उनकी डोली रुकी थी। ऐसा कहा जाता है कि यहां स्थित कुंड का पानी कभी सूखता नहीं है। सरकार की योजना के अनुसार यहां मंदिर परिसर का विस्तार, पहुंच पथ निर्माण, कैफेटेरिया, पार्किंग, थीमेटिक प्रवेश द्वार, पेयजल, स्ट्रीट लाइटिंग, घाटों का निर्माण और तालाब का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इस परियोजना को भी पर्यटन विकास निगम आगामी 24 महीनों में पूरा करेगा। 

विकसित होगा मधुबनी का फूलहर स्थान

मधुबनी जिले में स्थित फूलहर स्थान, जहां राम और सीता का प्रथम मिलन हुआ था, उस स्थल को भी विकसित किया जा रहा है। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये की पहली किस्त स्वीकृत कर दी गई है। योजना के तहत पार्किंग क्षेत्र, चहारदीवारी, कैफेटेरिया, शौचालय ब्लॉक, प्रवेश व्यवस्था, घाट का विकास और लेजर फाउंटेन शो जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस स्थल को आकर्षक पर्यटन स्थल में बदलने का लक्ष्य अगले दो वर्षों में पूरा किया जाएगा।

अहिल्या स्थान मंदिर परिसर का भी होगा कायाकल्प

दरभंगा जिले के अहिल्या स्थान मंदिर परिसर का भी कायाकल्प किया जाएगा। यहां पर पर्यटकीय सुविधाओं को बढ़ाते हुए मंदिर परिसर को सुंदर और आध्यात्मिक रूप देने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए 3 करोड़ 74 लाख रुपये की प्रथम किस्त स्वीकृत की गई है। परियोजना के तहत चहारदीवारी, गेस्ट हाउस, कैफेटेरिया, प्रवेश द्वार, मेडिटेशन पौंड, सेंट्रल पवेलियन और फाउंटेन निर्माण जैसे कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा 18.50 एकड़ भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव भी भेजा गया है ताकि भविष्य में सुविधाओं का और विस्तार किया जा सके। साथ ही सीतामढ़ी में होटल जानकी विहार का निर्माण भी इस योजना का हिस्सा है।

बिहार में रामायण सर्किट से जुड़े सभी स्थानों को विकसित कर विश्वस्तरीय बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार की तरफ से इसकी कवायद प्रारंभ है। इन स्थलों का विकास ना केवल पर्यटकीय दृष्टिकोण से बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस सर्किट से जुड़े जितने भी स्थल हैं, सभी का विकास, पुर्नविकास और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

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