Edited By Ramanjot, Updated: 09 Dec, 2025 07:32 AM

बिहार में एनडीए सरकार की वापसी के बाद विकास की रफ्तार को पटरी पर लाने का अभियान जोर पकड़ चुका है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दोपहर 3:30 बजे मुख्य सचिवालय के मंत्रिमंडल कक्ष में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।
Bihar Cabinet Meeting: बिहार में एनडीए सरकार की वापसी के बाद विकास की रफ्तार को पटरी पर लाने का अभियान जोर पकड़ चुका है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दोपहर 3:30 बजे मुख्य सचिवालय के मंत्रिमंडल कक्ष में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक का केंद्रबिंदु युवाओं से किए गए 1 करोड़ नौकरी-रोजगार के वादे को धरातल पर उतारना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि बैठक में रोजगार सृजन को मजबूत करने के उद्देश्य से तीन नए विभागों के निर्माण को औपचारिक मंजूरी मिल सकती है। नई सरकार के गठन के बाद यह दूसरी कैबिनेट बैठक होगी, जो राज्य के विकास एजेंडे को नई गति देने वाली साबित हो सकती है।
1 करोड़ नौकरियों का सपना: तीन नए विभागों से मिलेगी मजबूती
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने युवाओं को लुभाते हुए पांच सालों में 1 करोड़ नौकरी-रोजगार का दमदार वादा किया था। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए सरकार ने पहले ही तीन नए विभागों की रूपरेखा तैयार कर ली है। आज की बैठक में इन विभागों – युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग; उच्च शिक्षा विभाग; तथा सिविल एविएशन विभाग – के गठन पर अंतिम फैसला होने की पूरी उम्मीद है।
ये विभाग न केवल कौशल विकास को बढ़ावा देंगे, बल्कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और विमानन क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देंगे, जिससे ग्रामीण और शहरी युवाओं के लिए हजारों अवसर खुलेंगे।
नई सरकार की दूसरी कैबिनेट बैठक: पिछली बैठक के फैसलों पर अमल
नई एनडीए सरकार के सत्ता संभालने के बाद यह कैबिनेट की दूसरी अहम बैठक है। इससे पहले 25 नवंबर को हुई पहली बैठक में कुल 10 प्रस्तावों को हरी झंडी मिली थी, जिनमें औद्योगिक पुनरुद्धार, तकनीकी उन्नयन और 1 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य प्रमुख थे। उन फैसलों में 25 नई चीनी मिलों की स्थापना, टेक हब का विकास और किसानों की आय दोगुनी करने जैसे कदम शामिल थे। आज की बैठक इन योजनाओं को और मजबूत करने पर फोकस करेगी।
विकास एजेंडे पर तेजी: रोजगारोन्मुखी प्रशासनिक सुधार
बैठक में नए विभागों के अलावा नौकरी-रोजगार से जुड़े कई अन्य प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जैसे एमएसएमई के लिए नई निदेशालय की स्थापना और बिहार मार्केटिंग प्रमोशन कॉर्पोरेशन का गठन। सरकार का मकसद चुनावी वादों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना है, ताकि बिहार 2030 तक भारत के सबसे तेजी से विकसित राज्यों में शुमार हो सके। इन कदमों से न केवल युवा सशक्त होंगे, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा।