Edited By Ramanjot, Updated: 13 Mar, 2021 09:42 AM
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर किसान आंदोलन के विरुद्ध अनर्गल प्रचार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह छोटे बनाम बड़े कृषकों की बहस खड़ा करके...
पटनाः भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर किसान आंदोलन के विरुद्ध अनर्गल प्रचार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह छोटे बनाम बड़े कृषकों की बहस खड़ा करके आंदोलन को दिगभ्रमित करने की कोशिश कर रही है।
दीपंकर भट्टाचार्य ने शुक्रवार को भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के. डी. यादव, भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और वरिष्ठ नेता राजाराम की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन के खिलाफ भाजपा का अनर्गल प्रचार लगातार जारी है। अब वह छोटे बनाम बड़े किसानों की बहस खड़ा करके आंदोलन को दिगभ्रमित करने की कोशिश कर रही है।
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि यह हर किसी को पता है कि भाजपा का छोटे और बटाईदार किसानों के प्रति क्या रूख है। इन किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ भी नहीं मिलता है। बिहार ने भाजपा की इस चुनौती को स्वीकार किया है। यहां के छोटे-बटाईदार किसान उसी तरह से आंदोलन में उतरने लगे हैं, जैसे पंजाब के किसान। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की केंद्रीय मांग के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी ) अधिनियम की पुनर्बहाली और छोटे-बटाईदार किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ प्रदान करने जैसे मुद्दों के ईद-गिर्द यहां के किसानों की गोलबंदी आरंभ हो गई है। 18 मार्च को एक बार फिर पटना की सड़क पर यह गोलबंदी दिखेगी।