Edited By Ramanjot, Updated: 13 Oct, 2022 04:13 PM
गोपालगंज की सीट भाजपा विधायक दिवंगत सुभाष सिंह के निधन के बाद खाली हुई है। अब तक यहां सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी का राजद प्रत्याशी मोहन गुप्ता से था। लेकिन इंदिरा यादव के खड़े होने से मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका...
पटना (अभिषेक कुमार सिंह): बिहार में दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव की बिगुल पहले ही बज चुकी है। मोकामा सीट पर जहां दो बाहुबलियों की किस्मत दांव पर है, वहीं गोपालगंज सीट पर पूर्व सांसद साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव के मैदान में उतरने से राजद की मुश्किलें बढ़ गई है। इंदिरा यादव ने बुधवार को बसपा के टिकट से नॉमिनेशन किया।
गोपालगंज की सीट भाजपा विधायक दिवंगत सुभाष सिंह के निधन के बाद खाली हुई है। अब तक यहां सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी का राजद प्रत्याशी मोहन गुप्ता से था। लेकिन इंदिरा यादव के खड़े होने से मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। अगर बात 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की करें तो भाजपा के प्रत्याशी सुभाष सिंह को 77791 वोट मिले थे और उन्होंने जीत दर्ज की थी। जबकि बीएसपी के साधु यादव को 41039 वोट मिले थे और वो दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं कांग्रेस के आसिफ गफूर को 36460 वोट मिले थे और वो तीसरे स्थान पर रहे थे। जाहिर सी बात है कि साधु यादव ने अपने बल बुते 40 हजार वोट लाया था और महागठबंधन उम्मीदवार को ठकेल कर तीसरे स्थान पर कर दिया था।
2022 में भले ही जदयू-राजद में गठबंधन हो गया हो और गोपालगंज की सीट राजद के खाते में चली गई हो। लेकिन राजद की राह आसान नहीं लग रही है। एक तरफ भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी को सहानुभूति वोट मिलने का अनुमान है तो वहीं साधु यादव ने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतार कर राजद का खेल खराब कर दिया है।