Edited By Ramanjot, Updated: 10 Nov, 2020 09:44 AM
बिहार में विधानसभा का चुनाव परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का डर सताने लगा है और इसके कारण उन्हें एकजुट रखने की कोशिश अभी से ही शुरू कर दी गई है।
पटनाः बिहार में विधानसभा का चुनाव परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का डर सताने लगा है और इसके कारण उन्हें एकजुट रखने की कोशिश अभी से ही शुरू कर दी गई है।
बिहार विधानसभा चुनाव समाप्त होने के तुरंत बाद 07 नवंबर को आए अधिकांश एग्जिट पोल में महागठबंधन को बढ़त या कांटे की टक्कर के कारण त्रिशंकु विधानसभा के आसार दिख रहे हैं। एग्जिट पोल में कांग्रेस के 20 से 30 उम्मीदवारों के चुनाव जीतने की संभावना बताई गई है। कांग्रेस के प्रदेश के नेताओं पर चुनाव में टिकट बेचने के आरोप लगने के बाद पार्टी में असंतोष ऐसे भी बढ़ा हुआ है और त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में जब विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश होगी तो कांग्रेस के ही विधायकों के टूटने की आशंका सबसे ज्यादा रहेगी।
इसे ही देखते हुए कांग्रेस ने विधायकों को एकजुट रखने के लिए अपने दो बड़े नेताओं को पटना भेजा है। इसमें पार्टी महासचिव अविनाश पांडेय और रणदीप सुरजेवाला शामिल हैं। कांग्रेस ने आज सभी उम्मीदवारों को निर्देश दिया है कि चुनाव में जीत होने पर वे तुरंत समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे रणदीप सुरजेवाला से संपर्क करें। कांग्रेस कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है इसलिए उसने अपने विधायकों को राजस्थान और पंजाब भेजने की भी तैयारी कर ली है।