Edited By Swati Sharma, Updated: 26 Apr, 2023 11:55 AM

एसोसिएशन ने कहा की इस तरह के फैसले से लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती हैं। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि बिहार सरकार जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। एसोसिएशन ने एक लेटर भी जारी किया है, जिसमें लिखा गया है कि सेंट्रल...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी निराशा व्यक्त की है और एक बयान जारी किया है।
"इस तरह के फैसले से लोक सेवकों के मनोबल में आती हैं गिरावट"
एसोसिएशन ने कहा की इस तरह के फैसले से लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती हैं। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि बिहार सरकार जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। एसोसिएशन ने एक लेटर भी जारी किया है, जिसमें लिखा गया है कि सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी स्वर्गीय जी कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषियों को कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव कर रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी निराशा व्यक्त करता है। इधर, पूर्व सांसद और हत्या के दोषी आनंद मोहन सिंह के जेल से रिहा होने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि इसमें विवाद क्या है? उन्होंने अपनी सजा काटी है और जो कानूनी तरीका है वह उस कानूनी तरीके से रिहा हुए हैं। सुशील मोदी जी ही उनको छोड़ने की मांग कर रहे थे।
आनंद मोहन समेत 27 कैदी होंगे रिहा
गौरतलब हो कि उम्र कैद की सजा के तहत जेल में 14 वर्ष बीता चुके पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई के लिए बिहार सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। दरअसल, राज्य सरकार ने 10 अप्रैल को मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम में संशोधन कर पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया था। संशोधन के बाद अब सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं गिना जाएगा बल्कि यह साधारण हत्या मानी जाएगी। आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा हुई थी। फिलहाल वह अपने बेटे की सगाई के लिए पैरोल पर जेल से बाहर है।