सोमवार तक जेल से बाहर आ जाएंगे Lalu Yadav... चारा घोटाला के डोरंडा मामले मिली जमानत

Edited By Nitika, Updated: 22 Apr, 2022 06:07 PM

lalu yadav gets bail in fodder scam case

झारखंड उच्च न्यायालय ने राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से गबन से जुड़े चारा घोटाले में शुक्रवार को जमानत दे दी।

 

रांचीः झारखंड उच्च न्यायालय ने राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से गबन से जुड़े चारा घोटाले में शुक्रवार को जमानत दे दी। लालू प्रसाद के खिलाफ रांची में चारा घोटाले का यह अंतिम मामला था और अब उनके खिलाफ पटना में ही चारा घोटाले के मामले विचाराधीन रह गए हैं।

हाईकोर्ट के वकील का कहना है कि लालू यादव की जमानत के पेपर हाईकोर्ट से सीबीआई कोर्ट और रांची के होटवार जेल में प्रोड्यूस किए जाएंगे। दोनों जगह कागज मिलने के बाद वे बाहर आ जाएंगे। इस प्रक्रिया को पूरा होने में एक से दो दिन का समय लग सकता है। एक दिन बाद रविवार है। ऐसे में सोमवार तक ही लालू यादव के बाहर आने की संभावना है। जमानत के लिए लालू यादव को इस मामले में मिली 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा में से 10 लाख रुपए विशेष सीबीआई अदालत में जमा कराने होंगे साथ ही उन्हें एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें भी अदालत में देनी होंगी।

रांची के चारा घोटाले के पांच मामलों में से सभी में अब लालू को जमानत मिल चुकी है। जमानत मिलने के बाद दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में न्यायिक हिरासत में इलाजरत लालू (73) के सोमवार तक रिहा हो जाने की संभावना है। लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि उच्च न्यायालय के जमानत देने के फैसले की प्रति विशेष सीबीआई अदालत तक शनिवार को पहुंच जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इसके बाद एक-एक लाख की 2 जमानतें जमाकर लालू की जमानत की प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी। डोरंडा कोषागार मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें 15 फरवरी को दोषी ठहराया था और 21 फरवरी को उन्हें 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

इससे पहले बुधवार को इस मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में तय पांच वर्ष की सजा की आधी अवधि अब तक न्यायिक हिरासत में पूरी नहीं की है, लिहाजा उन्हें इस मामले में जमानत नहीं दी जानी चाहिए। जबकि लालू प्रसाद यादव के वकील और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को अदालत में ऑनलाइन पेश होते हुए दोहराया कि लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले के सभी मामलों में कुल 40 महीने से अधिक की न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी कर ली है, जिसे देखते हुए उन्हें तत्काल जमानत दी जानी चाहिए। इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने लालू यादव को रांची के चारा घोटाले के इस अंतिम मामले में भी ज़मानत दे दी। अदालत ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने लगभग 40 महीने जेल में गुजारे हैं, जो इस मामले में उन्हें दी गई 5 वर्ष की कैद की सजा की आधी सजा अर्थात 30 महीने से अधिक है। इससे लालू प्रसाद की ओर से पूर्व सर्वोच्च अदालत के अधिवक्ता कपिल सिब्बल की बहस 8 अप्रैल को ही पूरी हो गई थी, जिसके बाद मामले में अपना जवाब देने के लिए सीबीआई ने समय मांगा था।

अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तिथि निर्धारित की थी। सिब्बल ने दिल्ली से ऑनलाइन बहस की और दावा किया कि सजा की आधी अवधि पूरा कर लेने के नियम को देखते हुए लालू यादव को जमानत दी जानी चाहिए। सीबीआई की ओर से केन्द्र सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने लालू के दावों का विरोध किया। प्रशांत ने कहा कि डोरंडा मामले में लालू यादव ने अब तक निर्धारित कम से कम 30 माह की अवधि न्यायिक हिरासत में पूरी नहीं की है, अतः उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है। घोटाले के वक्त लालू प्रसाद यादव अविभाजित बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे और उनके पास वित्त विभाग भी था। आरोप हैं कि उन्होंने पशुपालन विभाग के माध्यम से कथित तौर पर रिश्वत ली थी। आरोप के मुताबिक इस दौरान फर्जी चालान और बिल बनाए गए, जिनका निस्तारण कर वित्त विभाग ने कोषागार से पैसा जारी कर दिया।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!