Edited By Ramanjot, Updated: 04 Dec, 2025 08:43 AM

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव समेत उनके पूरे परिवार पर भ्रष्टाचार का एक और केस दबाव बना रहा है।
Lalu Yadav Land for Jobs Case: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव समेत उनके पूरे परिवार पर भ्रष्टाचार का एक और केस दबाव बना रहा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज, 4 दिसंबर 2025 को, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के 'नौकरी के बदले जमीन' घोटाले में आरोप तय करने पर अपना फैसला सुना सकती है। अगर कोर्ट ने आरोप तय किए, तो लालू परिवार के लिए कानूनी जंग और लंबी हो जाएगी।
लालू परिवार के लिए बेचैन रातें: 10 नवंबर से टला था फैसला
विशेष CBI जज विशाल गोगने ने 10 नवंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान फैसले को 4 दिसंबर तक टाल दिया था। कोर्ट यह तय करेगी कि लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव समेत अन्य आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं या नहीं। CBI का दावा है कि सबूत मजबूत हैं, जबकि बचाव पक्ष इसे राजनीतिक साजिश बता रहा है।
घोटाले का काला अध्याय: रेल मंत्री रहते कैसे बिकी नौकरियां?
लालू प्रसाद 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे। CBI के मुताबिक, मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पश्चिम मध्य रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियां देने के बदले लालू परिवार और करीबियों को जमीनें हस्तांतरित की गईं। ये जमीनें पटना और आसपास के इलाकों में बेनामी तरीके से रजिस्टर्ड हुईं। नियुक्तियां नियमों का उल्लंघन करके की गईं, जो आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का मामला बनाता है।
मुख्य आरोपी:
- लालू प्रसाद यादव (पूर्व रेल मंत्री)
- राबड़ी देवी (पूर्व बिहार CM)
- तेजस्वी यादव (पूर्व उपमुख्यमंत्री)
- मीसा भारती (सांसद)
- तेज प्रताप यादव और हेमा यादव (परिवार सदस्य)
- अन्य सहयोगी और रेल अधिकारी
बचाव पक्ष का दावा: 'सबूतों की कमी, राजनीतिक बदला'
आरोपियों के वकील, जैसे लालू के सीनियर एडवोकेट मनींदर सिंह, ने कहा कि कोई जमीन-नौकरी का सीधा लेन-देन साबित नहीं हुआ। लालू ने कभी किसी उम्मीदवार की सिफारिश नहीं की, और मामला UPA सरकार के खिलाफ बदले की राजनीति है। जुलाई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने भी ट्रायल रोकने की याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन कोर्ट ने लालू की उम्र को देखते हुए उनकी पर्सनल अपीयरेंस में छूट दी।
क्या होगा अगर आरोप तय हुए?
अगर कोर्ट ने चार्जशीट स्वीकार की, तो ट्रायल शुरू हो जाएगा। इससे लालू परिवार की राजनीतिक छवि पर और असर पड़ेगा । ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का अलग केस चालू किया है, जहां राष्ट्रपति ने मई 2025 में अभियोजन की मंजूरी दी थी।