बिहार में ‘पोषण भी-पढ़ाई भी’ कार्यक्रम शुरू, 24 जिलों की सेविकाएं ले रहीं प्रशिक्षण

Edited By Ramanjot, Updated: 16 May, 2025 08:05 PM

poshan bhi padhai bhi

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के आलोक में समाज कल्याण विभाग ने एक सराहनीय पहल की शुरुआत की है।

पटना:राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के आलोक में समाज कल्याण विभाग ने एक सराहनीय पहल की शुरुआत की है। समाज कल्याण विभाग की सचिव बन्दना प्रेयषी के निर्देश पर राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के समग्र विकास के लिए ‘पोषण भी-पढ़ाई भी’ राज्यव्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसमें पोषण के साथ-साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। 

24 जिलों की आंगनबाड़ी सेविकाएं ले रही हैं भाग

13 मई से 31 मई तक संचालित होने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 24 जिलों की कुल 374 परियोजनाओं से 77916 आंगनबाड़ी सेविकाएं भाग ले रही है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गया, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सीवान, वैशाली और जमुई जिले की आंगनबाड़ी सेविकाएं हिस्सा ले रही हैं। प्रशिक्षण परियोजना स्तर पर आयोजित किया जा रहा है ताकि कार्यकर्ताओं को स्थानीय स्तर पर ही प्रभावी रूप से प्रशिक्षित किया जा सके।

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आंगनबाड़ी केन्द्रों को उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षित कार्यबल के माध्यम से जीवंत शिक्षण केंद्रों में परिवर्तित करना है। इस दिशा में पहला कदम आंगनबाड़ी सेविकाओं के क्षमता संवर्धन के रूप में लिया गया है ताकि वे बच्चों को खेल-आधारित गतिविधियों के माध्यम से आनंददायी और सार्थक शिक्षा प्रदान कर सकें।

दो प्रमुख शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को किया गया शामिल

इस प्रशिक्षण में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से विकसित दो प्रमुख शैक्षणिक पाठ्यक्रमों - “नवचेतना” (0-3 वर्ष के बच्चों के लिए प्रारंभिक उत्तेजना) तथा “आधारशिला” (3-6 वर्ष के बच्चों के लिए ईसीसीई पाठ्यक्रम)  को शामिल किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान सेविकाओं को प्रशिक्षण किट भी वितरित की जा रही है, जिसमें आधारशिला साप्ताहिक कैलेंडर एवं नवचेतना मासिक पाठ्यक्रम शामिल है ताकि वे आंगनबाड़ी केन्द्रों में इन गतिविधियों का नियमित संचालन कर सकें।

पोषण 2.0 समेत कई विषयों पर दी जा रही जानकारी

इस प्रशिक्षण के माध्यम से सेविकाओं को बच्चों के शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक-भावनात्मक, नैतिक, सांस्कृतिक एवं कलात्मक विकास के साथ-साथ मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक कौशल (फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी) पर कार्य करने के लिए तैयार किया जा रहा है। साथ ही उन्हें पोषण 2.0, सक्षम आंगनबाड़ी, पोषण ट्रैकर, आहार व्यवहार, एसएएम/एमएएम प्रबंधन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी जैसे महत्वपूर्ण पोषण विषयों पर भी जानकारी दी जा रही है।

प्रशिक्षण में यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि आंगनबाड़ी सेविकाएं लिंग समानता को बढ़ावा देने, स्नेहपूर्ण और सुरक्षित वातावरण निर्माण करने, दिव्यांग बच्चों की पहचान करने और उन्हें समावेशी गतिविधियों में सम्मिलित करने जैसे मानवीय व सामाजिक दृष्टिकोणों को अपनाने में सक्षम बनें।

यह कार्यक्रम समाज कल्याण विभाग के उस संकल्प का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत राज्य के सभी बच्चों को जीवन के प्रारंभिक वर्षों में पोषण, देखभाल और शिक्षा का अधिकारपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। यह प्रशिक्षण प्रयास भविष्य में गुणवत्तापूर्ण ईसीसीई प्रणाली की नींव मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!