पटनाः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा कि बिहार में चुनाव का एजेंडा राजद-कांग्रेस तय कर रहे हैं और महागठबंधन के उठाए विषयों पर ही राजग प्रतिक्रया व्यक्त कर रहा है जिनमें नौकरी का मुद्दा शामिल है।
सचिन पायलट ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिहार में चुनाव का एजेंडा राजद-कांग्रेस तय कर रहे है और हमारी बातों का मजबूरी में भाजपा, जदयू को जवाब देना पड़ रहा है।'' उन्होंने कहा कि राजद ने जब कहा कि हम 10 लाख रोजगार देंगे तब तीन दिनों तक खूब मजाक उड़ाया गया और चौथे दिन भाजपा ने कहा कि हम 19 लाख रोजगार देंगे। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अपनों का साथ छोड़ देना नीतीश कुमार के लिए कोई नई बात नहीं है। अपनी कुर्सी के लिए किसी भी हद तक जाने वाला व्यक्ति और दल बिहार का भला नहीं कर सकता है।'' उन्होंने दावा किया कि बिहार चुनाव में महागठबंधन की जीत ऐतिहासिक होगी और यह चुनाव परिणाम पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करेगा।
पायलट ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल, असम सहित अन्य क्षेत्रों में पांव पसारने का मंसूबा रखती है लेकिन बिहार के लोग राज्य में उसे मजबूती के साथ रोक देंगे। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को बांटकर, भ्रमित करके, आक्रामक राजनीति और भय दिखाकर वोट तो लिए जा सकते हैं लेकिन सत्ता में आने के बाद जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतरा जा सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘बिहार में सिद्धांतों से समझौता करने वाली राजनीति ज्यादा नहीं चलेगी। सुशासन का दावा करने वाली सरकार किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पा रही है और न ही कोई पारदर्शिता है।''
सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे देश में था लेकिन सबसे खराब प्रबंधन बिहार में दिख रहा है। मुंगेर कांड पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजग सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सभाओं में उत्साह दिख रहा है, जिससे बदलाव निश्चित है और दस नवंबर को राजग और नीतीश कुमार की विदाई भी तय है। लोजपा के राजग से अलग होने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजग की आपस की खिचड़ी को कोई समझे या नहीं लेकिन प्रदेश की जनता इसे समझती है और वह अपना वोट बर्बाद नहीं करेगी।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि यहां डबल इंजन की सरकार की बात की जाती है लेकिन पिछले पांच साल में कौन से क्रांतिकारी काम किए गए, यह बतायें। महागठबंधन की जीत का दावा करते हुए पायलट ने कहा कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती है क्योंकि जब सत्तारूढ़ गठबंधन को लगा कि नीतीश कुमार की साख कम हो रही है तब पोस्टरों से उनके चित्र गायब कर दि एगए।
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