Edited By Ramanjot, Updated: 01 Oct, 2022 05:39 PM
बता दें कि बिहार में जून से ही बालू खनन पर रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद बालू की कीमत आसमान छू रही था। वहीं अब बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन ने नई उत्खनन नीति के चलते पुराने बंदोबस्तधारियों को ही अगले 3 महीने तक खनन की इजाजत दे दी है। हालांकि, इसके...
पटनाः बिहार में 3 महीने बाद आज से फिर बालू का खनन शुरू हो गया है। दरअसल, बिहार सरकार ने अगले 25 दिसंबर तक के लिए बालू खनन की इजाजत दे दी है। हालांकि, सरकार ने यह फैसला लिया है कि पुराने ठेकेदार ही अगले तीन माह तक बालूघाटों से बालू का उत्खनन करेंगे। खनन शुरू होने से बालू की कीमतों में गिरावट की संभावना है। वहीं राज्य सरकार के इस फैसले से आम लोगों के साथ-साथ तमाम ठेकेदारों और निर्माण कंपनियों को राहत मिल सकती है।
अगले 3 महीने तक खनन की इजाजत
बता दें कि बिहार में जून से ही बालू खनन पर रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद बालू की कीमत आसमान छू रही थी। वहीं अब बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन ने नई उत्खनन नीति के चलते पुराने बंदोबस्तधारियों को ही अगले 3 महीने तक खनन की इजाजत दे दी है। हालांकि, इसके पहले बंदोबस्तधारियों को निर्धारित अवधि के लिए रॉयल्टी की राशि फिर से जमा करनी होगी।
ई-नीलामी से होगी बंदोबस्ती
बिहार सरकार का नया खनन नीति अक्टूबर से ही लागू हो रहा है। सरकार की इस नई नीति के तहत नए बालू घाटों की अगले 5 सालों के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) के आधार पर ई-नीलामी से बंदोबस्ती होगी। सभी जिलों के जिला अधिकारियों द्वारा टेंडर जारी कर दिया गया है। बालू की कीमत जिलों में बाजार से तय होगी। हालांकि, आपात स्थिति में जिला प्रशासन बालू की कीमत को नियंत्रित कर सकता है। नई बालू खनन नीति के तहत बालू घाटों की बंदोबस्ती शुल्क में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। साथ ही सुरिक्षत और प्रतिभूति राशि को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।
कांबिंग आपरेशन चलाने जा रही सरकार
दूसरी तरफ, पटना के अंतर्गत बिहटा के अमनाबाद में बालू तस्करों के बीच हुई फायरिंग के बाद पुलिस सतर्क नजर आ रही है। बालू तस्करों पर लगाम लगाने के लिए सोन नदी के दियारा में अवैध खनन रोकने के लिए सरकार कांबिंग आपरेशन चलाने जा रही है।