Edited By Swati Sharma, Updated: 26 Sep, 2022 12:28 PM

वहीं पंडित शिवशंकर मिश्रा ने कहा कि इस नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त दिनभर रहेगा। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक रहेगा। शास्त्रों और पुराणों में कलश स्थापना को काफी महत्व दिया जाता है और इसे सुख-समृद्धि का प्रतीक माना...
बांकाः आज यानी सोमवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा अर्चना की जाती है, जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री के रूप शामिल है। पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इसी के चलते तेलडीहा मंदिर में पूजा के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है।
कलश स्थापना का काफी महत्व हैः शास्त्र
वहीं पंडित शिवशंकर मिश्रा ने कहा कि इस नवरात्र कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त दिनभर रहेगा। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक रहेगा। शास्त्रों और पुराणों में कलश स्थापना को काफी महत्व दिया जाता है और इसे सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कलश स्थापना के लिए कलश, मौली, 5 आम के पत्ते की डली, रोली, गंगाजल, सिक्का, गेहूं या अक्षत चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि इस बार अष्टमी 3 अक्तूबर और महानवमी 4 अक्टूबर को होगी।
शारदीय नवरात्रि में घर में कैसे करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और अच्छे कपड़े पहन लें। इसके बाद एक चौकी बिछाकर वहां पहले स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। उसके बाद रोली और अक्षत से टीके और फिर वहां माता की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें। कलश के मुंह पर चारों तरफ अशोक के पत्ते लगाएं और फिर एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांध दें। इसके बाद विधि विधान से माता की पूजा करें।