Edited By Nitika, Updated: 05 Feb, 2023 08:40 AM

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के आदती और पूरी औपनिवेशिक अकड़ से काम करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी केके पाठक ने अब तक दर्जनों...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के आदती और पूरी औपनिवेशिक अकड़ से काम करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी केके पाठक ने अब तक दर्जनों मंत्रियों, विधायकों और अफसरों का अपमान किया फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें संरक्षण देकर कार्यपालिका का मनोबल गिरा रहे हैं।
सुशील मोदी ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि पाठक के डिप्टी कलक्टर स्तर के अधिकारी से गाली-गलौज की भाषा में बात करने का वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए। केवल खेद व्यक्त करना काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि पाठक ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें नियम-कानून से कोई मतलब नहीं। उनके शब्द ही कानून हैं। वे दर्जनों लोगों पर मानहानि का मुकदमा ठोक चुके हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि पाठक खुद को जनता का सेवक नहीं बल्कि अंग्रेज़ों के जमाने का कठोर शासक समझते हुए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी एक पत्रकार को अपने चैम्बर में बुलाकर पीट चुका हो और जिसके उद्योग विभाग का वरिष्ठ अधिकारी रहते उद्योग संगठनों को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना पड़ा हो, उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच करवाई जानी चाहिए।
मोदी ने कहा कि पाठक को निलंबित किये बिना उनके विरुद्ध कोई भी प्रशासनिक जांच निष्पक्ष नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति मुख्यमंत्री को प्रिय है और जो मुख्य सचिव की भी नहीं सुनता हो, उसके खिलाफ जांच कौन कर सकता है।