सुशील मोदी के खिलाफ मानहानि मामले में हुई गवाही, मंत्री रामानंद यादव ने दाखिल कराया था मुकदमा

Edited By Ramanjot, Updated: 24 Nov, 2022 11:31 AM

testimony in defamation case against sushil modi

सांसदों एवं विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश आदि देव की अदालत में जांच साक्षी संख्या एक के रूप में पटना शहर के ही निवासी नरेंद्र किशोर नारायण सिंह ने अपना बयान कलमबंद करवाया। गवाह ने सुशील मोदी पर लगाए गए आरोपों का...

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ मानहानि और सामाजिक विद्वेष फैलाने के आरोपों में दाखिल शिकायती मुकदमे में पटना व्यवहार न्यायालय स्थित विशेष अदालत में एक गवाह का बयान कलमबंद करवाया गया।

सांसदों एवं विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश आदि देव की अदालत में जांच साक्षी संख्या एक के रूप में पटना शहर के ही निवासी नरेंद्र किशोर नारायण सिंह ने अपना बयान कलमबंद करवाया। गवाह ने सुशील मोदी पर लगाए गए आरोपों का समर्थन किया। अदालत ने मामले में आगे जांच साक्षी के लिए 12 दिसंबर 2022 की अगली तिथि निश्चित की है। यह शिकायती मुकदमा राज्य के खनन एवं भूतत्व मंत्री रामानंद यादव की ओर से दाखिल किया गया है। यादव के वकील गजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस शिकायती मुकदमे में सुशील मोदी के उस बयान को सामाजिक विद्वेष फैलाने तथा मानहानि वाला बताया गया है, जिसमें उन्होंने अगस्त 2022 में कहा था कि महागठबंधन की सरकार में बाहुबलियों की भरमार कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में डरावने दिन की वापसी सुनिश्चित कर दी है।

सुरेंद्र यादव, ललित यादव, रामानंद यादव और कार्तिक कुमार जैसे विधायक मंत्री बनाए गए जिनके नाम से इलाके में लोग डरते हैं। इसके अलावा यादव के शैक्षणिक डिग्रियों को भी फर्जी बताया गया है, जिससे रामानंद यादव की मानहानि हुई है। प्रस्तुत शिकायती मुकदमा 10933(सी) 2022 भारतीय दंड विधान की धारा 153 ए, 499 एवं 500 के आरोपों के तहत दाखिल किया गया था। इस मामले में जांच जारी है।

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