Edited By Ramanjot, Updated: 26 Sep, 2021 04:23 PM
अनिल का पैतृक घर किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के खारुदह में है। अनिल के पिता बिनोद बसाक कपड़े की फेरी लगाकर गांव गांव में कपड़े बेचते थे। अनिल के पिता की माली हालत भी ठीक नहीं थी। लेकिन अनिल बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में मेधावी थे। उन्होंने स्कॉलरशिप...
पटनाः कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो... जी हां इसी कथन को सच कर दिखाया है किशनगंज के लाल अनिल बोसाक ने, जिन्होंने घर में गरीबी होने के बावजूद यूपीएससी 2020 की परीक्षा में 45 वां स्थान हासिल किया और IAS अधिकारी बन अपने गरीब पिता का सपना साकार किया।
बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में थे मेधावी
अनिल का पैतृक घर किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के खारुदह में है। अनिल के पिता बिनोद बसाक कपड़े की फेरी लगाकर गांव गांव में कपड़े बेचते थे। अनिल के पिता की माली हालत भी ठीक नहीं थी। लेकिन अनिल बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में मेधावी थे। उन्होंने स्कॉलरशिप के सहयोग से काफी हद तक आगे की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद साल 2014 में अनिल बसाक को आईआईटी दिल्ली में दाखिला मिला। वर्ष 2018 में आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग से आईआईटी पूरा किया।
पढ़ाई के लिए पिता ने लिया कर्ज
अनिल के पिता ने बताया कि शुरुवाती दिनीं में काफी शंघर्ष कर अपने बच्चों को पढ़ाया और अपने बेटे का अरमान पूरा करने के लिए वो कर्ज के बोझ में दब गए थे। लाल अनिल की सफलता से परिवार वालो की खुशी का ठिकाना नहीं है और सभी उसके मेहनत और लगन की सराहना कर रहे हैं। अनिल ने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। इससे पहले उन्होंने 2019 के यूपीएससी परीक्षा में भी सफलता हासिल करते हुए 616 वा रैंक हासिल किया था और उनका चयन राजस्व विभाग में हुआ था। लेकिन उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था, जिसके लिए उन्होंने फिर से तैयारी शुरू कर दी।