किस बात पर भड़के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा? जमीन मामलों में लापरवाही पर एक हफ्ते में कार्रवाई के आदेश

Edited By Ramanjot, Updated: 12 Dec, 2025 06:30 PM

vijay sinha land reform orders

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के आवास पर शुक्रवार को भूमि सुधार जनकल्याण संवाद का आयोजन किया गया।

पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के आवास पर शुक्रवार को भूमि सुधार जनकल्याण संवाद का आयोजन किया गया। इसमें पटना जिले से संबंधित जमीन की दाखिल खारिज, परिमार्जन, मापी, लोक भूमि पर अतिक्रमण, भूमि विवाद आदि मामलों की सुनवाई की। उन्होंने अधिकारी और कर्मचारियों की मौजूदगी में खुद ही मामलों की गहनता से जांच की। 

आवेदक से उनकी समस्याओं को पूछा। आवेदक, अधिकारी व कर्मचारियों को आमने-सामने बिठाकर समस्या समाधान के लिए पहल की। उन्होंने संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों को कड़े निर्देश दिए। उच्चाधिकारियों से कहा कि जमीन संबंधी मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी, कर्मचारियों पर दोष साबित होने पर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई करें।  

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी शिकायतों को रेफर करने की आदतों से बाज आएं। गल्तियों को माफ नहीं किया जाएगा। बीमारियों को हम ज्यादा खींच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी से अभिलेख बनाकर जमीन खरीद-फरोख्त करने वाले लोग बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे मामलों को बढ़ावा देने वाले अधिकारी, कर्मचारियों की पहचान करें। सभी जिलों के डीएम दोषियों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट अग्रसित करें। 
 
विजय कुमार सिन्हा ने लोगों से भी अपील की कि वह अपनी शिकायत सबसे पहले निचली स्तर पर करें। इसका रिसीविंग अपने पास रखें। सुनवाई नहीं होने पर इस रिसीविंग के साथ ही ऊपर के अधिकारियों के यहां शिकायत दर्ज कराएं। इसके बाद भी उन्हें अगर न्याय नहीं मिलता है तो पीड़ित सभी शिकायतों की रिसीविंग के साथ सचिव और फिर उपमुख्यमंत्री के यहां आवेदन दें। नीचे से लेकर ऊपर तक सभी लापरवाह अधिकारी, कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

करीब ढाई घंटे तक चले इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने कई अधिकारी व कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा। कुछ मामलों में जांच के लिए डीएम और दूसरे अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी 100 दिनों में राज्य के सभी जिलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। लोगों की भूमि संबंधी शिकायतों का निपटारा होगा। उन्होंने सीईओ स्तर पर लंबित जमीन संबंधी शिकायतों की स्थिति का रिपोर्ट भी एक सप्ताह के भीतर तलब की है।

ऑनलाइन सेवाओं की दी गई जानकारी

इस अवसर पर लोगों को जमीन संबंधी ऑनलाइन सेवाओं की जानकारी दी गई। जिसमें ऑनलाइन दाखिल-खारिज, ऑनलाइन भू-लगान भुगतान, डिजिटल हस्ताक्षरित भू-अभिलेख, ई-मापी, परिमार्जन प्लस, ऑनलाइन राजस्व न्यायालय, भू-संपरिवर्तन, राजस्व मानचित्रों की डोर स्टेप डिलीवरी, जमाबंदी पर एसएमएस अलर्ट सेवा व भूमि दखल-कब्जा प्रमाण पत्र की जानकारी दी गई। भू-स्वामियों को बताया गया कि लोग ऑनलाइन अपनी जमीन की जमाबंदी रजिस्टर, ऑनलाइन म्यूटेशन की स्थिति, ऑनलाइन एलपीसी की स्थिति, बंधक भूमि को देखने की सुविधा, भू-नक्शा, राजस्व मानचित्र व राजस्व न्यायालय वाद आदि की स्थिति को देख सकते हैं। 

कार्यक्रम में भूमि सुधार समाहर्ता, अपर समाहर्ता, समाहर्ता, मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी (सीईओ) के साथ विभाग के दूसरे उच्च अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। 

छह महीने से मामला क्यों लटकाया, सीईओ की लगी क्लास, जांच एवं कार्रवाई के निर्देश

भूमि सुधार जनकल्याण संवाद कार्यक्रम में पहले मामले में सीईओ की जमकर क्लास लगी। बल्लीपुर, गौरीचक के रहने वाले विवेक ने उपमुख्यमंत्री से बताया कि जमाबंदी नहीं होने के नाम पर पिछले छह महीने से उनकी जमीन का म्यूटेशन नहीं हो रहा है। अधिकारी और कर्मचारी बार-बार आवेदन को टाल रहे हैं। इस पर उपमुख्यमंत्री ने सीईओ और संबंधित कर्मचारी से पूछा कि शिकायत को छह महीने से क्यों लटकाकर रखा गया। उन्होंने सीईओ से पूछा कि आपके यहां कितने मामले पेंडिंग हैं, इसकी पूरी जानकारी हमें एक सप्ताह के भीतर दें। इसके लिए उन्होंने डिप्टी कलेक्टर ऑफ लैंड ऑन रेवेन्यू (डीसीएलआर) को भी निर्देशित किया। इसी तरह से एक मामले में उन्होंने अधिकारी और कर्मचारी से कहा कि अगली बार हम थर-थर कांपने भी नहीं देंगे। इसलिए सभी लोग 15 दिनों के भीतर जमीन संबंधी शिकायतों का समाधान करें।

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