Edited By Khushi, Updated: 31 Dec, 2025 12:55 PM

Ranchi News: झारखंड के रांची के कांग्रेस भवन में आज प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में बोर्ड निगम के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों एवं अग्रणी मोर्चा संगठन एवं विभाग के अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई।
Ranchi News: झारखंड के रांची के कांग्रेस भवन में आज प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में बोर्ड निगम के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों एवं अग्रणी मोर्चा संगठन एवं विभाग के अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई। इस बैठक में मुख्य रूप से मनरेगा ड्राफ्ट कमेटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य ज्यां द्रेज शामिल थे।
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मनरेगा योजना खत्म किये जाने के विरोध में कांग्रेस आर-पार की लडाई का संकल्प लेते हुए यह फैसला किया कि आगामी तीन जनवरी को राज्य के तमाम जिला मुख्यालयों में संवाददाता सम्मेलन आहूत की जाएगी। उसके बाद पांच जनवरी को रांची बापू वाटिका मोरहाबादी से पदयात्रा करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता लोक भवन पहुंचेंगे जहां यह पदयात्रा एक सभा में तब्दील हो जायेगी। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि कांग्रेस हर कीमत पर मनरेगा की रक्षा करने की शपथ ली है क्योंकि मनरेगा कोई योजना नहीं, भारत के संविधान से मिला काम का अधिकार है। ग्रामीण मजदूरों के सम्मान, रोजगार, मजदूरी वो समय पर भुगतान के लिए संघर्ष किया जायेगा। मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना और मजदूर के अधिकार को खैरात में बदलने की हर साजिश का लोकतांत्रिक विरोध हर मोर्चे पर कांग्रेस करेगी।
कमलेश ने कहा कि नये कानून के तहत केन्द्र सरकार 90 प्रतिशत की जगह सिफर् 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 10 प्रतिशत की जगह 40 प्रतिशत खर्च वहन करेगी। इससे राज्य सरकारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और विकास कार्य बाधित होंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश के अरबपतियों का लाखों करोड़ों रुपया माफ कर देती है और गरीबों को काम की गारंटी वाली योजना खत्म कर देती है। इस मौके पर बोलते हुए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य ज्यां द्रेज ने कहा कि मोदी सरकार संघीय ढ़ांचा पर हमला कर रही है। राज्यों से पैसा छिना जा रहा है वह सत्ता और वित्त का केन्द्रीयकरण है। उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय से लिया गया है। ना ही कैबिनेट से कोई चर्चा की गई और ना ही संबंधित मंत्री से। उन्होंने कहा कि मनरेगा के खात्मे का एक ही मक्सद है गरीबों के रोजगार को मिटाना।