"झारखंड में उर्दू स्कूलों की स्थिति नाजुक", अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष बोले- राज्य सरकार को सौंपेंगे रिपोर्ट

Edited By Khushi, Updated: 07 Jul, 2024 11:14 AM

the situation of urdu schools in jharkhand is critical

झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने गढ़वा परिसदन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि गढ़वा जिले में आबादी के अनुरूप अल्पसंख्यकों को उनका हक मिलना चाहिए। इसके लिए आयोग कृतसंकल्पित है।

गढ़वा: झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने गढ़वा परिसदन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि गढ़वा जिले में आबादी के अनुरूप अल्पसंख्यकों को उनका हक मिलना चाहिए। इसके लिए आयोग कृतसंकल्पित है।

"शिक्षकों की बहाली भी नहीं हुई है"
हिदायतुल्लाह खान ने कहा कि राज्य में उर्दू स्कूलों की स्थिति नाजुक और मायूस करने लायक है। बच्चों को पर्याप्त पुस्तकें नहीं मिल पा रही है जिसके कारण पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है। शिक्षकों की बहाली भी नहीं हुई है। सरकार को इससे संबंधित रिपोर्ट सौंपी जाएगी और अल्पसंख्यकों से संबंधित समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है जिसमें अल्पसंख्यकों की भागीदारी सुनिश्चित हो, इस पर जोर दिया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि सरकार की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ अल्संख्यकों तक पहुंचे। आयोग की कमेटी लगातार विभिन्न जिलों का दौरा कर रही है। जिलेवार समीक्षा की जा रही है। सभी जिलों से संयुक्त रिपोर्ट बनाकर राज्य स्तरीय कमेटी में पेश की जाएगी। साथ ही इसमें लिए गए निर्णय से राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा।

"गढ़वा में 200 मदरसा का संचालन निजी मदद से चल रहा है"
हिदायतुल्लाह खान ने कहा कि अभी तक कमेटी द्वारा 8 जिलों का दौरा किया गया है। शेष जिलों का भी भ्रमण किया जाएगा। अल्पसंख्यकों को शिक्षा देने में अभी तक कमियां पाई गई है। मिशनरीज की स्कूल बेहतर काम कर रही है। मगर उर्दू स्कूल की स्थिति ठीक नहीं है। गढ़वा जिले में 200 मदरसा का संचालन निजी मदद से चल रहा है। मात्र एक मदरसा सरकार से अनुदान प्राप्त है। अन्य मदरसों को अनुदान मिले इसके लिए सरकार से मांग करेंगे। इसके लिए मदरसा संचालक भी प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जल्द उर्दू शिक्षकों की भी बहाली कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के मामले में मुस्लिमों की स्थिति ठीक नहीं है। बच्चों को पढ़ाएं हम उन्हें उनका हक दिलाएंगे। सरकारी विद्यालयों में अतिरिक्त विषय के रूप में उर्दू की पढ़ाई होनी है मगर शिक्षक ही नहीं है। ऐसे में परेशानी हो रही है। सभी समस्याओं से सरकार को अवगत कराया जाएगा। 

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