अब तो हद हो गई! बिहार में पुल-पुलिया और सड़क धंसने के बाद अब गिरी सरकारी स्कूल की छत, बाल-बाल बचे शिक्षक-विद्यार्थी

Edited By Swati Sharma, Updated: 08 Jul, 2024 01:44 PM

after the collapse of bridges in bihar now the roof of a school has collapsed

बिहार में पुल-पुलिया और सड़क धंसने के बाद अब जर्जर हो चुकी एक सरकारी स्कूल की छत गिर गई। दरअसल, मुंगेर जिले में बीते दो दिन मूसलाधार बारिश हुई, जिसके कारण सदर प्रखंड के तारापुर दियारा स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशपुर के पुराने बंद भवन की छत...

मुंगेर(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार में पुल-पुलिया और सड़क धंसने के बाद अब जर्जर हो चुकी एक सरकारी स्कूल की छत गिर गई। दरअसल, मुंगेर जिले में बीते दो दिन मूसलाधार बारिश हुई, जिसके कारण सदर प्रखंड के तारापुर दियारा स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशपुर के पुराने बंद भवन की छत अचानक गिर गई। जर्जर हो चुके इस विद्यालय के बरामदे में एक अन्य विद्यालय के बच्चे खेलते और उधर से आते-जाते हैं। गनीमत तो यह रही कि जब ये हादसा हुआ, तब बच्चे घर जा चुके थे।

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'पुराने भवन के बरामदे में खेलते हैं बच्चे'
बताया जा रहा है कि कि गुरुवार और शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश के बीच ही उत्क्रमित उच्च विद्यालय के पुराने बंद पड़े तीन कमरों के भवन के एक कमरे की पूरी छत गिर गई। गनीमत यह रही कि इस दौरान विद्यालय में अवकाश हो जाने से बच्चे वहां नहीं थे। जबकि छत के गिरने की धमक से वहां के शिक्षकों में हड़कंप मच गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक उत्तम कुमार ने बताया कि गुरुवार को बारिश के दौरान ही कमरे की छत गिर गई थी। हालांकि एक साल पहले ही जर्जर भवन को बंद कर कक्षाओं का संचालन पंचायत भवन तथा विद्यालय के नए दो कमरे के भवन में शुरू कर दिया गया था। लेकिन पंचायत भवन या नए भवन तक आने के लिए पुराने भवन से होकर ही शिक्षक व बच्चे आते हैं। इतना ही नहीं, विद्यालय के बच्चे इसी पुराने भवन के बरामदे में खेलते भी हैं।

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'अब तक इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई'
प्रधानाध्यापक ने बताया कि छत गिरने के दौरान गनीमत रही कि अवकाश होने के कारण बच्चे वहां नहीं थे। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में प्लस टू तक की पढ़ाई होती है। जिसके लिए पंचायत भवन और नए विद्यालय का दो ही कमरा है। इससे बच्चों को पढ़ाई में परेशानी होती है और रास्ता पुराने भवन से होने के कारण हमेशा भवन गिरने का डर बना रहता है। उन्होंने बताया कि इसे लेकर सांसद और जिलाधिकारी को भी पत्र दिया गया है। लेकिन अब तक इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। भवन का छत इतना कमजोर है कि यह कभी भी गिर सकता है, जबकि प्रशासन इसे लेकर पूरी तरह उदासीन बना हुआ है।

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