Madhubani Lok Sabha Seat: मधुबनी में ब्राह्मण, यादव और मुस्लिम वोटर तय करेंगे नतीजे, BJP ने फिर अशोक यादव पर जताया भरोसा

Edited By Ramanjot, Updated: 02 Apr, 2024 12:53 PM

brahmin yadav and muslim voters will decide the results in madhubani

1996 में सीपीआई के चतुरानन मिश्र चुनाव जीते जबकि 1998 के चुनाव में कांग्रेस के शकील अहमद सांसद चुने गए तो 1999 के चुनाव में यहां से बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव फिर से चुनाव जीते। 2004 में कांग्रेस के शकील अहमद ने एक बार फिर से इस सीट पर वापसी की...

Madhubani Lok Sabha Seat: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक मधुबनी लोकसभा सीट है। 1952 में मधुबनी सीट दरभंगा-पूर्व के नाम से जाना जाता था। इस सीट पर साल 1952 में पहले और 1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में कांग्रेस के अनिरुद्ध सिन्हा सांसद चुने गए। 1962 में इस सीट से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर योगेंद्र झा सांसद बने। साल 1967 में हुए चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के शिव चंद्र झा सांसद बने जबकि 1971 में कांग्रेस के टिकट पर जगन्नाथ मिश्रा मैदान में उतरे और संसद पहुंचे। 

1976 में परिसीमन के बाद मधुबनी सीट अस्तित्व में आई और 1977 में इस सीट से जनता पार्टी के टिकट पर हुकुमदेव नारायण यादव सांसद बने। 1980 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई और शफ़ीकुल्ला अंसारी चुनाव जीते थे। चुनाव जीतने के 4 महीने के बाद ही उनका निधन हो गया था और मई 1980 में ही यहां फिर उपचुनाव हुए, जिसमें सीपीआई के भोगेंद्र झा ने बाजी मारी थी। 1984 में यह सीट एक बार फिर से कांग्रेस के खाते में गई और मौलाना अब्दुल हन्नान अंसारी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1989 और 1991 के चुनाव में इस सीट से सीपीआई के टिकट पर एक बार फिर से भोगेंद्र झा को ही जीत मिली। 

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1996 में सीपीआई के चतुरानन मिश्र चुनाव जीते जबकि 1998 के चुनाव में कांग्रेस के शकील अहमद सांसद चुने गए तो 1999 के चुनाव में यहां से बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव फिर से चुनाव जीते। 2004 में कांग्रेस के शकील अहमद ने एक बार फिर से इस सीट पर वापसी की और संसद पहुंचे। हालांकि इसके बाद 2009 और 2014 में यह सीट बीजेपी के कद्दावर नेता हुकुमदेव नारायण यादव के पास ही रही। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट अशोक कुमार यादव ने जीत हासिल की थी। 

मधुबनी लोकसभा के तहत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें  

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गौरतलब है कि मधुबनी लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें मधुबनी जिले की हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी और मधुबनी विधानसभा और दरभंगा जिले की केवटी और जाले विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट अशोक कुमार यादव ने जीत हासिल की थी। अशोक कुमार यादव ने 5 लाख 95 हजार 843 वोट हासिल किया था। वहीं वीएसआईपी कैंडिडेट बद्री कुमार पूर्वे ने 1 लाख 40 हजार 903 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो निर्दलीय कैंडिडेट शकील अहमद ने एक लाख 31 हजार 530 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था। |

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव ने 3 लाख 58 हजार 40 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी 3 लाख 37 हजार 505 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के प्रोफेसर गुलाम गौस को 56 हजार 392 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे 

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साल 2009 की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के हुकुमदेव नारायण यादव ने 1 लाख 64 हजार 94 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी 1 लाख 54 हजार 167 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के डॉ. शकील अहमद को 1 लाख 11 हजार 423 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे 

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साल 2004 की बात करें तो कांग्रेस के डॉ. शकील अहमद ने 3 लाख 28 हजार 182 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव 2 लाख 41 हजार 103 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि सीपीआई के चतुरानन मिश्रा को 92 हजार 168 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

मधुबनी लोकसभा सीट पर है ब्राह्मणों का वर्चस्व 
मधुबनी लोकसभा सीट पर 20 मई को चुनाव होना है। बीजेपी ने एक बार फिर से अशोक यादव को ही चुनावी मैदान में उतारा है। मधुबनी लोकसभा सीट पर ब्राह्मणों का वर्चस्व है। इस सीट पर ब्राह्मणों की जनसंख्या सबसे ज्यादा है। एक आंकड़े के मुताबिक, इस सीट पर करीब 2 लाख 70 हजार ब्राह्मण हैं। वहीं यादव करीब 2 लाख 35 हजार और  मुस्लिम करीब 2 लाख 15 हजार हैं। अलग-अलग अति पिछड़ी जातियों को मिलाकर करीब 6 लाख 10 हजार का आंकड़ा बनता है। वहीं दलितों की आबादी करीब 2 लाख और कोइरी जाति की संख्या करीब 1 लाख 10 हजार है। अगर यादव समाज अशोक कुमार यादव को अपना समर्थन देगी तो उनकी राह फिर से आसान हो जाएगी। 

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