Edited By Ramanjot, Updated: 11 Dec, 2025 02:49 PM

Diabetes ka pakka ilaaz: जिन मरीजों का ब्लड शुगर दवाओं और डाइट से नियंत्रित नहीं हो रहा, उन्हें सर्जरी लाभकारी है। जिनका HbA1c 6–6.5 तक है, उन्हें दवा और लाइफस्टाइल से शुगर कंट्रोल करना पर्याप्त है। बहुत पुराने मरीज जिनकी इंसुलिन सेल्स खत्म हो चुकी...
Diabetes ka pakka ilaaz: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसको लेकर माना जाता है कि जीवनभर बनी रहती है और केवल दवा, डाइट और एक्सरसाइज से नियंत्रित की जा सकती है। लेकिन एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग ने इसे पूरी तरह बदल दिया है। पिछले एक साल में एम्स ने टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे 30 मरीजों की सर्जरी की। यह मरीज अब डायबिटीज मुक्त हो चुके हैं।
सर्जरी कैसे काम करती है?
एम्स के डॉक्टर बताते हैं कि यह सर्जरी पेट और छोटी आंत पर की जाती है, पैनक्रियास पर नहीं। पेट का आकार घटाकर सिलेंडर शेप दिया जाता है। छोटी आंत को जोड़कर भोजन डायरेक्टली उसमें जाता है।इससे GLP-1 हार्मोन रिलीज होता है, जो इंसुलिन को बढ़ावा देता है। ब्लड शुगर, लिपिड प्रोफाइल और मेटाबोलिक हेल्थ सुधरती है। इस प्रक्रिया से मोटापा भी घटता है और टाइप-2 डायबिटीज का स्थायी इलाज संभव हो पाता है।
कौन कर सकता है सर्जरी?
जिन मरीजों का ब्लड शुगर दवाओं और डाइट से नियंत्रित नहीं हो रहा, उन्हें सर्जरी लाभकारी है। जिनका HbA1c 6–6.5 तक है, उन्हें दवा और लाइफस्टाइल से शुगर कंट्रोल करना पर्याप्त है। बहुत पुराने मरीज जिनकी इंसुलिन सेल्स खत्म हो चुकी हैं, उनके लिए यह सर्जरी प्रभावी नहीं।
सर्जरी के फायदे
- डायबिटीज स्थायी रूप से ठीक हो सकती है।
- मोटापा घटता है।
- मेटाबोलिक स्वास्थ्य में सुधार।
- भविष्य में ऑर्गन फेल्योर और गंभीर डायबिटीज से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम।