Edited By Ramanjot, Updated: 20 Dec, 2025 08:15 AM

नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की एक अदालत ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है,
Rabri Devi News: नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की एक अदालत ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने और परिवार के सदस्यों के खिलाफ चल रहे मामलों को दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की थी।
राबड़ी देवी ने याचिका में विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने पर पक्षपात का आरोप लगाया था। हालांकि अदालत ने इन आरोपों को स्वीकार नहीं किया और ट्रांसफर की मांग को खारिज कर दिया।
एक साथ चार मामलों की ट्रांसफर याचिका हुई खारिज
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश भट्ट ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने राबड़ी देवी, उनके पति लालू प्रसाद यादव, बेटे तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ ED और CBI द्वारा दर्ज चार मामलों को दूसरी अदालत में भेजने से इनकार कर दिया। ये सभी मामले नौकरी के बदले जमीन घोटाला और IRCTC घोटाले से जुड़े हुए हैं, जिनकी जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं।
CBI ने याचिका को बताया भ्रामक कोशिश
इससे पहले IRCTC Scam से जुड़े मामले में CBI ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा था कि ट्रांसफर याचिका अदालत को गुमराह करने की एक दुर्भावनापूर्ण कोशिश है। CBI का कहना था कि याचिकाकर्ता की ओर से लगाए गए आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है।
9 जनवरी को आरोप पत्र पर होगा अहम फैसला
CBI ने शुक्रवार को अदालत में अपनी अंतिम सत्यापन रिपोर्ट पेश की। यह रिपोर्ट नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाले से जुड़े आरोप पत्र में नामित सभी आरोपियों की स्थिति से संबंधित थी।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने इस मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर केस की सुनवाई कर रहे हैं। अदालत अब 9 जनवरी को CBI द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेने को लेकर फैसला सुनाएगी।
103 आरोपियों में से 5 की मौत, कार्रवाई समाप्त
CBI की रिपोर्ट के अनुसार, आरोप पत्र में नामित कुल 103 आरोपियों में से 5 की मौत हो चुकी है। अदालत ने कहा कि जिन आरोपियों का निधन हो चुका है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई समाप्त मानी जाएगी। इसके साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि शेष आरोपियों के मामलों में आगे की प्रक्रिया जारी रहेगी।