Edited By Ramanjot, Updated: 04 Oct, 2024 06:38 PM
कंपनी ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर बताया कि कुछ लोगों द्वारा ऐसा भ्रामक अफवाह फैलाया जा रहा है कि विद्युत कम्पनियों द्वारा अपने अधिकारियों के लिए लक्जरी वाहन रखने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। इस संदर्भ में उल्लेख करना है कि ऊर्जा विभाग तथा बिहार...
पटनाः हाल ही में खबर आई थी कि बिहार के बिजली विभाग के अधिकारियों ने अपने लिए 50 लाख रुपये तक कीमत वाली लग्जरी गाड़ियां खरीदने के लिए टेंडर निकाला है। वहीं विभाग के इस फैसले की कड़ी आलोचना की जा रही थी। लेकिन अब बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कम्पनी लिमिटेड ने इस खबर को पूर्णत गलत और भ्रामक बताया है।
कंपनी ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर बताया कि कुछ लोगों द्वारा ऐसा भ्रामक अफवाह फैलाया जा रहा है कि विद्युत कम्पनियों द्वारा अपने अधिकारियों के लिए लक्जरी वाहन रखने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। इस संदर्भ में उल्लेख करना है कि ऊर्जा विभाग तथा बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कम्पनी लिमिटेड एवं अनुषंगी कम्पनियों के साथ बैठक आदि के लिए यदा-कदा विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के वरीयतम पदाधिकारियों का आगमन होते रहता है साथ ही बिहार के सफल विद्युत मॉडल के अध्ययन हेतु भी दूसरे राज्य के वितरण / संचरण कम्पनियों तथा भारत सरकार के उपक्रमों के वरीय पदाधिकारीगण का भी आगमन होते रहता है। अतएव अतिविशिष्ट आगन्तुकों के स्थानीय भ्रमण हेतु दैनिक दर पर उच्च कोटि का वाहन भाड़े पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उच्च कोटि के वाहन का दर निर्धारण हेतु निविदा में उक्त वाहनों को भी अंकित किया गया था।
प्रेस विज्ञाप्ति के अनुसार, पूर्व में भी कंपनी द्वारा वाहनों के दर निर्धारण हेतु आमंत्रित निविदा के माध्यम से ऐसे उच्च कोटि के वाहनों का दर निर्धारित किया जाता रहा है। परन्तु आज तक वैसे उच्च कोटि के वाहनों (यथा टोयोटा फॉर्चुनर, फोर्ड इण्डिवर आदि) का उपयोग कम्पनी के किसी अधिकारी अथवा कर्मी द्वारा नहीं किया गया है और न ही वर्त्तमान में उपयोग किया जा रहा है। बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कम्पनी लिमिटेड एवं इसकी अनुषंगी कम्पनियों के शीर्ष प्रबंधन के वरीय अधिकारियों द्वारा मात्र Innova Crysta वाहन विभागीय कार्य हेतु उपयोग में लाया जाता है एवं अन्य पदाधिकारियों को अन्य प्रकार के वाहन यथा Scorpio, Swift Dezire etc. ही विभागीय कार्य हेतु भाड़े पर उपलब्ध कराया जाता है। विदित है कि उपरोक्त वाहनों को वित्त विभाग, बिहार सरकार द्वारा ही अनुमान्य किया गया है। अतः "बिजली कंपनी के अधिकारियों के लिए भाड़े पर लक्जरी वाहन" का समाचार अथवा किसी प्रकार के मीडिया चैनल पर चलायी जाने वाली ऐसी खबर पूर्णतः गलत एवं भ्रामक है।