Edited By Swati Sharma, Updated: 05 Oct, 2024 12:45 PM
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार से हो गई है। भक्त नौ दिनों तक माता-रानी की भक्ति में खुद को लीन रखेंगे। इस दौरान भक्त मां शेरावाली को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के कई तरीके अपनाते हैं। ऐसे ही एक भक्त हैं रोहतास जिले के निवासी अंबिका सिंह यादव...
भागलपुर(अंजनी कुमार कश्यप): शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार से हो गई है। भक्त नौ दिनों तक माता-रानी की भक्ति में खुद को लीन रखेंगे। इस दौरान भक्त मां शेरावाली को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के कई तरीके अपनाते हैं। ऐसे ही एक भक्त हैं रोहतास जिले के निवासी अंबिका सिंह यादव उर्फ संतन दास त्यागी, जो सीने पर मिट्टी का कलश रखकर मां की आराधना में जुटे हैं। वह पिछले 22 सालों से अपने सीने पर कलश स्थापित करते आ रहे हैं। 70 साल की उम्र पार करने के बाद भी इनमें गजब का उत्साह है।
दरअसल, भागलपुर में नवगछिया प्रखंड के जगतपुर पंचायत के शिव मंदिर परिसर के दुर्गा मंदिर में अंबिका सिंह यादव उर्फ संतन दास त्यागी ने कलश की स्थापना की हैं। सीने पर कलश स्थापित करने वाले भक्त ने बताया कि वह अपने सीने पर 3 से 12 अक्टूबर तक कलश रखेंगे। इस दौरान, वह अन्न, जल व अन्य क्रियाओं का त्याग रखेंगे। जिसे निर्जला व्रत कहा जाएगा।
'मां की कृपा से ही यह कर पाता हूं'
संतन दास त्यागी का कहना है कि मानव का कल्याण हो, जगत का कल्याण हो और धर्म की रक्षा हो, इसी निमित से वे मां की आराधना करते हैं। उन्होंने कहा कि बस माता का आशीर्वाद है, जो मैं उनकी आराधना कर पाता हूं। उन्होंने बताया कि वो काशी, दिल्ली, गया, रोहतास और भागलपुर जिले में पिछले 22 सालों से अपने सीने पर कलश स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह सीने पर एक कलश भी लेते है, 9 कलश भी लेते हैं और 5 कलश भी लेते हैं, जैसा सुविधा होता है वैसा करते है। उन्होंने कहा कि मां की कृपा है। मां की कृपा से ही कोई यह कर पाता है। नौ दिनों तक मां की कृपा रहती है, तभी बिना अन्न जल के रहते हैं।