Edited By Ramanjot, Updated: 02 Dec, 2025 07:59 PM

इस हफ्ते भारतीय सोशल मीडिया पर एक अजीब ट्रेंड छाया रहा — “19 मिनट वाला वीडियो”। दिलचस्प बात यह रही कि वीडियो किसी ने स्पष्ट रूप से नहीं देखा, पर इसकी चर्चा हर प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई।
Viral Video: इस हफ्ते भारतीय सोशल मीडिया पर एक अजीब ट्रेंड छाया रहा — “19 मिनट वाला वीडियो”। दिलचस्प बात यह रही कि वीडियो किसी ने स्पष्ट रूप से नहीं देखा, पर इसकी चर्चा हर प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई। लाखों लोग इस ट्रेंड को लेकर पोस्ट कर रहे थे, लेकिन किसी के पास ये जवाब नहीं था कि वीडियो में दिखाई देने वाला चेहरा किसका है।
क्यों फैली अफवाहें? इन्फ्लुएंसर्स पर उंगलियां, बिना सबूत के ‘नाम’ उछाले गए
ट्रेंड की शुरुआत रहस्यमयी थी, लेकिन इसका असर कई निर्दोष लोगों पर पड़ा। बिना किसी तथ्य के कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने लोकप्रिय कंटेंट क्रिएटर्स पर उंगली उठानी शुरू कर दी। एक महिला इन्फ्लुएंसर के पोस्ट पर अचानक कमेंट्स की बाढ़ आ गई—हर जगह लिखा मिलने लगा: “19 मिनट”।
मजबूर होकर उसने एक स्पष्टीकरण वीडियो जारी किया। उसने कहा कि वायरल क्लिप की लड़की से उसकी शक्ल का कोई मेल नहीं। मजाक में उसने यह भी कहा कि वीडियो में दिखने वाली लड़की धाराप्रवाह इंग्लिश बोलती है, जबकि वह खुद 12वीं के बाद पढ़ाई भी नहीं कर सकी।
क्या वीडियो Deepfake है?
जैसे-जैसे चर्चा बढ़ी, एक नई चिंता सामने आई — क्या यह पूरा मामला एक AI-जनरेटेड डीपफेक हो सकता है? इंटरनेट पर “सीजन 2” और “सीजन 3” नाम के कथित AI वीडियो आने लगे, जिससे शक और गहरा हुआ। लोगों ने सवाल उठाए कि AI Deepfake Technology अब इतनी एडवांस हो चुकी है कि सच और झूठ का फर्क मिनटों में मिट सकता है।
Babydoll Archi मामला आया याद
यूज़र्स को इस ट्रेंड ने उस पुराने केस की याद दिला दी जहाँ Babydoll Archi नाम की लड़की अचानक इंस्टाग्राम पर फेमस हो गई थी। बाद में खुलासा हुआ कि वह लड़की असल में थी ही नहीं — पूरा अकाउंट AI से जनरेट किया गया था। एक असली महिला की सिर्फ एक फोटो का इस्तेमाल कर पूरी नकली पहचान बनाई गई। असम पुलिस ने बताया कि वास्तविक महिला को इस दुरुपयोग का कोई अंदाज़ा नहीं था।
जांच में चौंकाने वाला सच: पूर्व साथी ने ही बनाया था Fake AI Model
पुलिस जांच में सामने आया कि उस AI मॉडल को बनाने वाला व्यक्ति असल महिला का पूर्व पार्टनर था। ब्रेकअप के बाद उसने बदले की भावना से AI टूल्स का इस्तेमाल किया,अश्लील कंटेंट तैयार किया और इसे पेड प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर लाखों रुपये कमाए। साइबर टीम ने IP एड्रेस ट्रैक कर आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके सभी डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए गए।
असल खतरा क्या है? AI के दौर में पहचान चुराना बेहद आसान
इस पूरे “19 मिनट” ट्रेंड का सबसे डरावना हिस्सा वीडियो नहीं है, बल्कि वह भविष्य है जिसकी ओर यह इशारा करता है। आज सिर्फ एक फोटो और एक AI टूल किसी की पहचान नष्ट करने के लिए काफी है। यानी— फेक वीडियो बनाना आसान और फैलना उससे भी ज्यादा आसान। ट्रेंड कुछ दिनों में भले शांत हो जाए, लेकिन इसका संदेश साफ है: AI Deepfake आने वाले समय में सोशल मीडिया, प्राइवेसी और डिजिटल सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बनने वाला है।