Edited By Ramanjot, Updated: 04 Dec, 2025 06:47 PM

बिहार सरकार ने डेयरी क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए इस वर्ष लगभग 35 हजार नई डेयरी इकाइयों की स्थापना कराई है।
पटना: बिहार सरकार ने डेयरी क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए इस वर्ष लगभग 35 हजार नई डेयरी इकाइयों की स्थापना कराई है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लगातार प्रभावी क्रियान्वयन का ही परिणाम है कि राज्य में डेयरी उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है।
समग्र गव्य विकास योजना के तहत इस वर्ष 33,889 और देशी गौपालन योजना के तहत 1,091 नई डेयरी इकाईयां स्थापित की गई हैं। दोनों योजनाओं के जरिए किसानों को डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए ऋण-सह-अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 75% तथा अन्य श्रेणी के लाभार्थियों को 50% तक अनुदान दिया जाता है।
योजनाओं की उपलब्धि में तेज़ उछाल
समग्र गव्य विकास योजना की शुरुआत वर्ष 2014-15 में हुई थी, जब इसकी भौतिक उपलब्धि मात्र 4,080 थी। यह संख्या बढ़ते-बढ़ते 2024-25 में 33,889 तक पहुंच गई। इस योजना की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 48.48 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी है।
वहीं, देशी गौपालन योजना, जिसकी शुरुआत वर्ष 2023-24 में हुई थी, उसकी उपलब्धि भी 923 से बढ़कर 2024-25 में 1,091 हो गई है।
दूध उत्पादन में दर्ज हुई 60 फीसदी की बढ़ोतरी
इन योजनाओं के चलते राज्य में दूध उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2004-05 में बिहार का कुल दूध उत्पादन 4,743 हजार मीट्रिक टन था, जो बढ़कर 2023-24 में 12,852.99 हजार मीट्रिक टन हो चुका है, यानी 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि।
राज्य सरकार का मानना है कि इन योजनाओं से रोजगार बढ़ा है, किसानों की आय में सुधार हुआ है और राज्य की डेयरी क्षमता भी मजबूत हुई है।