Edited By Ramanjot, Updated: 07 Dec, 2025 08:19 AM

नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2026 से बिहार के हर घर, खेत और फैक्ट्री की बिजली महंगी हो सकती है। उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग (BERC) को अनुदान-रहित टैरिफ में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंप दिया...
पटना: नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2026 से बिहार के हर घर, खेत और फैक्ट्री की बिजली महंगी हो सकती है। उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग (BERC) को अनुदान-रहित टैरिफ में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंप दिया है। अगर आयोग ने हरी झंडी दे दी तो गरीब से लेकर अमीर, किसान से लेकर उद्योगपति तक — सभी को बिजली का करंट लगेगा।
गरीबों की ‘कुटीर ज्योति’ से लेकर फैक्ट्री तक, सभी पर चोट
बिजली कंपनी ने सबसे बड़ा झटका घरेलू उपभोक्ताओं को दिया है। कुटीर ज्योति, ग्रामीण और शहरी घरेलू — तीनों श्रेणियों की अनुदान-रहित दर को एक समान करके ₹7.42 से सीधे ₹7.77 प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। यानी पूरी 35 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी। अच्छी बात सिर्फ इतनी है कि शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट से ज्यादा खपत पर ₹1.18 प्रति यूनिट की छूट प्रस्तावित है, लेकिन बाकी सब महंगा ही होगा।
किसानों की जेब पर भी डाका
सिंचाई करने वाले किसानों के लिए पटवन की दर ₹6.74 से बढ़ाकर ₹7.09 प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। यानी खेत में पानी डालना भी अब महंगा पड़ेगा।
उद्योग और व्यापार को दोहरी मार
- छोटे उद्योग: ₹7.79 → ₹8.14 प्रति यूनिट
- बड़े उद्योग (11 KV): ₹7.98 - ₹8.33 प्रति यूनिट
- ऑक्सीजन प्लांट: ₹5.43 - ₹5.78 प्रति यूनिट
- स्ट्रीट लाइट: ₹9.03 - ₹9.38 प्रति यूनिट
साथ ही व्हीलिंग चार्ज भी बढ़ने प्रस्तावित हैं, जिससे ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं की लागत और बढ़ जाएगी।
अंतिम बिल कितना आएगा? ये सरकार तय करेगी
अच्छी खबर यह है कि आम आदमी को अभी कितना अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, यह राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले सब्सिडी (अनुदान) पर निर्भर करेगा। अगर नीतीश सरकार पुरानी तरह सब्सिडी जारी रखती है तो शायद घरेलू बिल में बहुत ज्यादा इजाफा न हो, लेकिन सब्सिडी कम हुई तो बिजली बिल दोगुना तक हो सकता है।
पहली बार जनता से ऑनलाइन-ऑफलाइन आपत्ति मांगी
BERC ने इस बार जनता को खुला मौका दिया है। आप ई-मेल, रजिस्टर्ड पोस्ट, स्पीड पोस्ट या व्यक्तिगत रूप से पटना, गया और बेगूसराय में होने वाली सार्वजनिक सुनवाई में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। सुनवाई की तारीखें जल्द घोषित होंगी।