Edited By Ramanjot, Updated: 06 Dec, 2025 08:45 PM

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हो रहे तेज औद्योगिक विकास की विस्तृत जानकारी साझा की है। सीएम के अनुसार, 2005 के बाद से राज्य में इंडस्ट्रियल ग्रोथ ने नए आयाम छुए हैं।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हो रहे तेज औद्योगिक विकास की विस्तृत जानकारी साझा की है। सीएम के अनुसार, 2005 के बाद से राज्य में इंडस्ट्रियल ग्रोथ ने नए आयाम छुए हैं। न सिर्फ औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या बढ़ी है, बल्कि निर्यात, MSME इकाइयों और निवेश की गति ने भी रिकॉर्ड बनाया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि आने वाले वर्षों में बिहार को भारत के टॉप-5 निवेश अनुकूल राज्यों में शामिल करने की दिशा में तेजी से काम जारी है।
2005 से 2025 तक बिहार की औद्योगिक तस्वीर पूरी तरह बदली
मुख्यमंत्री के अनुसार, वर्ष 2005 में जहां बिहार में औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या मात्र 46 थी, वहीं 2025 में यह बढ़कर 94 हो चुकी है। इसी अवधि में औद्योगिक इकाइयां 1674 से बढ़कर 3500 हो गईं।
निर्यात के क्षेत्र में तो राज्य ने इतिहास रच दिया—
25 करोड़ रुपये से बढ़कर 17,000 करोड़ रुपए का निर्यात, जो राज्य की उत्पादन क्षमता और ग्लोबल मार्केट में उसकी पहचान को दर्शाता है।
एमएसएमई क्षेत्र में भी बिहार ने जबरदस्त छलांग लगाई है। 72 हजार से बढ़कर 35 लाख MSME इकाइयां, जबकि राज्य की जीएसडीपी में उद्योगों का योगदान 5.4% से बढ़कर 21% से ज्यादा हो गया है।
50 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य, देश-विदेश में होंगे बड़े इन्वेस्टमेंट समिट
सरकार ने अगले पाँच वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश का रोडमैप तैयार किया है। इसके तहत—
- Ease of Doing Business को और प्रभावी बनाना
- 5 नए मेगा फूड पार्क
- 10 बड़े औद्योगिक पार्क
- 100 MSME पार्क
- 7 लाख युवाओं को इंडस्ट्री-रेडी प्रशिक्षण
- हर जिले में MSME सेंटर की स्थापना
- स्थानीय उत्पादों के निर्यात और मार्केट लिंक को मजबूत करना
जैसी योजनाएं शामिल हैं। उद्योग विभाग देश और विदेशी बाजारों में इन्वेस्टर सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है, जिससे बड़े उद्योगों को बिहार में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने बदला हजारों का जीवन
सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अब तक 44,073 उद्यमियों को प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है। इसके जरिए प्रदेश में नए बिजनेस की संख्या तेजी से बढ़ी है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के बड़े अवसर बने हैं।
बिहार बनेगा पूर्वी भारत का नया टेक हब
राज्य को पूर्वी भारत का मजबूत टेक्नोलॉजी हब बनाने के लिए कई हाई-टेक प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है—
- डिफेंस कॉरिडोर
- सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क
- ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर
- मेगा टेक सिटी
- फिनटेक सिटी
इसके साथ ही बिहार को एक “वैश्विक बैक-एंड हब” और “ग्लोबल वर्कप्लेस” के रूप में विकसित करने के लिए उच्च स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।
गया के डोभी में 1,700 एकड़ में मेगा IMC, 31 नए इंडस्ट्रियल पार्क भी होंगे तैयार
बिहार सरकार गया जिले के डोभी में 1,700 एकड़ में बने Integrated Manufacturing Cluster (IMC) की स्थापना को तेज गति से आगे बढ़ा रही है। इसके साथ ही पूरे राज्य में 14,036 एकड़ भूमि पर IMC मॉडल के अनुसार 31 अत्याधुनिक इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित किए जाएंगे। इनमें 10 सेक्टर-विशेष पार्क (जैसे टेक्सटाइल पार्क, फार्मा पार्क) भी शामिल होंगे। इन परियोजनाओं पर 26,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
बेहतर सड़क–रेल–एयर कनेक्टिविटी, बिजली और कानून व्यवस्था से निवेशकों को भरोसा
सीएम नीतीश कुमार के अनुसार बिहार अब उद्योगों के लिए आवश्यक सभी आधारभूत सुविधाओं से लैस है—
- मजबूत रोड नेटवर्क
- रेल एवं हवाई संपर्क
- निर्बाध विद्युत आपूर्ति
- बेहतर कानून-व्यवस्था
सरकार का लक्ष्य है कि बिहार का कोई युवा रोजगार के लिए मजबूरी में राज्य से बाहर न जाए।