Edited By Nitika, Updated: 28 Jul, 2021 09:58 AM
बिहार विधानसभा में 23 मार्च को विपक्षी विधायकों के साथ मारपीट मामले में चर्चा नहीं करवाए जाने से नाराज विपक्ष के सदस्यों की अनुपस्थिति में पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2021 सहित 4 विधेयक पारित किए गए।
पटनाः बिहार विधानसभा में 23 मार्च को विपक्षी विधायकों के साथ मारपीट मामले में चर्चा नहीं करवाए जाने से नाराज विपक्ष के सदस्यों की अनुपस्थिति में पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2021 सहित 4 विधेयक पारित किए गए।
सभा की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद शुरू होते ही राजद विधायक एवं अन्य सदस्य ने सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से इस वर्ष 23 मार्च को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध करने के दौरान विपक्षी विधायकों के साथ हुई मारपीट के मामले पर चर्चा करवाए जाने की मांग की। सभाध्यक्ष ने उनकी मांग को अस्वीकृत करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को भोजनावकाश से पहले इस मुद्दे पर अपनी बात रखने का मौका दिया गया है। साथ ही सरकार ने भी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
सभाध्यक्ष के मांग अस्वीकृत करने से नाराज राजद, कांग्रेस और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) समेत विपक्षी दल के सदस्य सदन के बीच में आ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। कुछ मिनट बाद ही वे सदन से बहिर्गमन कर गए। जब विपक्षी दल के सदस्य सदन के बीच में नारेबाजी कर रहे थे तभी सभाध्यक्ष सिन्हा ने पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी को बिहार पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश करने को कहा।
इसके बाद मंत्री चौधरी ने सदन में विधेयक पेश किया, जिसे विपक्षी दल के सदस्यों की अनुपस्थिति में पारित किया गया। मंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण बिहार में पंचायती राज का चुनाव निर्धारित समय पर नहीं करवाया जा सका इसलिए सदन में इस संशोधन विधेयक को लाने की आवश्यक पड़ी है।