Edited By Ramanjot, Updated: 01 Jul, 2022 05:47 PM
आरजेडी के विधायक रणविजय साहू ने कहा कि पिछले कई वर्षों से सीएजी का रिपोर्ट आ रहा है। उसमें पूरे तौर पर सरकार के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी यह बात सामने आई। तेजस्वी यादव लगातार इन बातों को सदन में आंकड़ों के साथ पेश करते...
पटना (अभिषेक कुमार सिंह): बिहार विधानमंडल का 5 दिवसीय मानसून सत्र गुरुवार को समाप्त हो गया। सत्र के अंतिम दिन वित्तीय वर्ष 2020-21 की सीएजे की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा गया। रिपोर्ट में राजस्व घाटा 29827 करोड़ दिखाया गया। वहीं 92687 करोड़ खर्ज का हिसाब सरकार नहीं दे पाई। इस पूरे मामले पर बिहार में अब सियासत गरमा गई है और विपक्ष सरकार पर जोरदार हमला बोल रहा है।
आरजेडी के विधायक रणविजय साहू ने कहा कि पिछले कई वर्षों से सीएजी का रिपोर्ट आ रहा है। उसमें पूरे तौर पर सरकार के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी यह बात सामने आई। तेजस्वी यादव लगातार इन बातों को सदन में आंकड़ों के साथ पेश करते हैं। लेकिन इस सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार का आलम है चाहे स्वास्थ्य विभाग हो, चाहे नल जल योजना। कोई ऐसा विभाग नहीं है जो भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है और सरकार के पास कोई लेखा-जोखा नहीं। बिहार सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है।
वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा रिपोर्ट अपने आप में स्पष्ट कर रहा है कि बिहार में राजकीय कोष का घाटा तो बड़ा ही नहीं है। सरकार ने एक लाख करोड़ के बजट को छुपाया है। एक लाख करोड़ का लेखा-जोखा सरकार ने क्यों नहीं दिया। इसके लिए जिम्मेदार या तो वित्त मंत्री होंगे या फिर मुख्यमंत्री होंगे। तारकेश्वर प्रसाद सामने आए और बताएं एक लाख करोड़ का लेखा-जोखा क्यों नहीं दिया।