दीपंकर का दावा- पहले चरण में महागठबंधन को निर्णायक बढ़त, रोजगार बना बड़ा मुद्दा

Edited By Nitika, Updated: 31 Oct, 2020 05:49 PM

dipankar claims regarding assembly elections

भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने दावा करते हुए कहा कि महागठबंधन के रोजगार सहित अन्य मुद्दे उठाने से लोगों में भारी उम्मीद जगी है। इसी का परिणाम है कि बिहार विधानसभा के प्रथम चरण चुनाव में उसे निर्णायक बढ़त मिली है।

पटनाः भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने दावा करते हुए कहा कि महागठबंधन के रोजगार सहित अन्य मुद्दे उठाने से लोगों में भारी उम्मीद जगी है। इसी का परिणाम है कि बिहार विधानसभा के प्रथम चरण चुनाव में उसे निर्णायक बढ़त मिली है।

भट्टाचार्य ने कहा कि विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में महागठबंधन ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। शाहाबाद और मगध क्षेत्र से मिल रही सूचनाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार बिहार से राजग की विदाई तय है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने रोजगार सहित जिन मुद्दों को उठाया उससे लोगों में भारी उम्मीद जगी है। बिहार के लोग आज सुरक्षित एवं सम्मानजनक रोजगार चाहते हैं और यही वजह है कि आज पहली बार भावनात्मक मुद्दों की जगह जनता के असली मुद्दे चुनाव के एजेंडे पर हैं।

भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि राजग सरकार में बिहार में 45 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी है। प्रवासी मजदूरों को न तो मनरेगा योजना के तहत काम मिला न ही कहीं और। नियोजित एवं अतिथि शिक्षकों की सबसे खराब स्थिति बिहार में ही है। कर्मचारियों, आशा-आंगनबाड़ी-रसोइयों की मांग को लेकर लगातार आंदोलन चला है और इस बार ये चुनाव के प्रमुख मुद्दे हैं। महागठबंधन के संकल्प पत्र से एक बेहतर शुरुआत हुई है। यही कारण है कि ये सभी वर्ग के लोग भाजपा और जदयू के खिलाफ महागठबंधन के पक्ष में गोलबंद हो रहे हैं।

भट्टाचार्य ने कहा कि राजग के चुनाव प्रचार की शैली और गिरते भाषाई स्तर से भी बिहार के लोग दुखी हैं। राजग नेताओं को अपने काम के आधार पर वोट मांगना चाहिए था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस भाषा में बात कर रहे हैं, उसे लोग पसंद नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के लोग भी कह रहे हैं कि उनके नेता इस तरह से बात करेंगे उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। उन्होंने सभा और रैली में हो रही भीड़ को लेकर निशाना साधा और कहा कि 28 अक्टूबर को प्रथम चरण के चुनाव के समय पटना के वेटनरी कॉलेज में प्रधानमंत्री की सभा हो रही थी। निर्वाचन आयोग को देखना चाहिए कि चुनाव प्रक्रिया के साथ ऐसा मजाक नहीं होना चाहिए। वोट के लिए इस तरह से सारे नियम-कानून को खत्म कर देना ठीक नहीं है।

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