Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jun, 2021 08:59 PM
IITR एनालिस्ट की टीम ने बिहार के चार जिलों से गंगा के पानी का सैंपल लिया है, जिसमें बक्सर, पटना, भोजपुर और सारण शामिल हैं। बता दें कि सबसे पहले बक्सर के घाटों पर कोरोना संक्रमितों के शवों को बहते देखा गया था। इसलिए पहले बक्सर से ही गंगा के पानी का...
पटनाः कोरोना संक्रमतों के शवों को ढोते-ढोते गंगा नदीं कहीं खुद तो संक्रमित नहीं हो गई? अब इसकी जांच इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सोलॉजिकल रिसर्च, लखनऊ (IITR) में की जाएगी। दरअसल, जल शक्ति मंत्रालय के 'नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा' ने नदी में वायरस और पॉल्यूशन की जांच के निर्देश दे दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, IITR एनालिस्ट की टीम ने बिहार के चार जिलों से गंगा के पानी का सैंपल लिया है, जिसमें बक्सर, पटना, भोजपुर और सारण शामिल हैं। बता दें कि सबसे पहले बक्सर के घाटों पर कोरोना संक्रमितों के शवों को बहते देखा गया था। इसलिए पहले बक्सर से ही गंगा के पानी का सैंपल लिया गया। यह मामला वायरस और प्रदूषण दोनों से जुड़ा हुआ है, जिसके चलते IITR और BSPCB की संयुक्त टीम ने पानी का सैंपल लिया।
बताया जा रहा है कि IITR की तीन सदस्यीय टीम ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के साथ 1 जून को बक्सर और 5 जून को पटना, भोजपुर और सारण में गंगा के पानी का सैंपल लिया। BSPCB के एनालिस्ट डॉ नवीन कुमार ने कहा कि दो राउंड में पानी के सैंपल लिए जाएंगे। यह पहला राउंड है। इसके बाद IITR की टीम दूसरे राउंड के लिए फिर से बिहार आएगी।