मुज़फ़्फ़रपुर के सबसे प्राचीनतम दुर्गास्थान में खुले मां के पट, पौराणिक पांडुलिपि पद्धति से होती आज भी पूजा

Edited By Harman, Updated: 09 Oct, 2024 11:37 AM

mother s womb opened in the oldest durga place of muzaffarpur

मुज़फ़्फ़रपुर के बाह्रमणटोली महामाया बाबू लेन दुर्गास्थान में मंगलवार की देर संध्या मां दुर्गा के पट (नेत्र) खुल गए। यह शहर का सबसे पुराना दुर्गापंडाल है। पट खुलने के बाद भगवती मां की महाआरती की गई। साथ ही वैदिक मंत्रोच्चारण किया गया। वहीं, पट खुलने के...

मुज़फ़्फ़रपुर: मुज़फ़्फ़रपुर के बाह्रमणटोली महामाया बाबू लेन दुर्गास्थान में मंगलवार की देर संध्या मां दुर्गा के पट खुल गए। यह शहर का सबसे पुराना दुर्गापंडाल है। पट खुलने के बाद भगवती मां की महाआरती की गई। साथ ही वैदिक मंत्रोच्चारण किया गया। वहीं, पट खुलने के साथ ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।

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साढ़े तीन सौ वर्ष से बैठती है मां की प्रतिमा
पूजन आचार्य डाॅ चंदन उपाध्याय ने बताया कि मुजफ्फरपुर शहर के सबसे प्राचीनतम इस दुर्गा स्थान पर लगभग साढ़े तीन सौ वर्ष पूर्व से लगातार पूजा होती आ रही है। मां दुर्गा माता लक्ष्मी,माता सरस्वती,भगवान कार्तिकेय, भगवान गणेश ,माथे पर भगवान शिव के साथ साथ महिषासुर के साथ रहती है। यहां आज भी हस्तलिखित पूजा पद्धति पांडुलिपि में उपलब्ध है।

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पूजा यजमान प्रमोद कुमार ओझा,हर्ष,अंशुमन, गुंजन उपाध्याय ने संपन्न किया। पूजा के दौरान भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रभात मालाकार, पंडित ध्रुव दूबे, प्रेमशंकर मिश्र, अमित कुमार, अर्थ, समर्थ, हेमंत कुमार, अनंत आदि मौजूद रहें।

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